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हथियार ना मिलने से बौखलाए इजरायली PM नेतन्याहू, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन को दिखाए तेवर

अमेरिकी हथियार ना मिलने से बौखलाए इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने बाइडेन प्रशासन से नाराजगी ज़ाहिर की है. आरोप लगाया है कि उन्हें बाइडेन प्रशासन हथियार देने में देरी कर रहा है. हमास के खात्में के नाम पर इजरायली सेना ने अबतक करीब 37 हज़ार से ज़्यादा फिलिस्तीनियों को मार डाला है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू.(Reuters Photo)
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू.(Reuters Photo)

गाजा में चल रही भीषण जंग के बीच इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से नाराज़ हैं. उन्होंने बाइडेन प्रशासन पर गोलाबारूद और हथियार नहीं देने का आरोप लगाया है. प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अमेरिका को अपना सबसे करीबी दोस्त बताते हुए युद्ध में साथ देने के लिए उसकी तारीफ की तो वहीं ये शिकायत भी की है कि पिछले कुछ महीनों से बाइडेन प्रशासन हथियार देने में देरी कर रहा है, जो हैरान करने वाला है.

गाजा में 7 अक्टूबर के बाद से इजरायली हमले लगातार जारी है. हमास के खात्में के नाम पर इजरायली सेना ने अब तक करीब 37 हज़ार से ज़्यादा फिलिस्तीनियों को मार डाला है. ये सिलसिला अब भी जारी है. मरने वालों में ज़्यादातर महिलाओं और बच्चे शामिल हैं. लिहाज़ा इसको देखते हुए बाइडेन प्रशासन ने चिंता ज़ाहिर की थी और फिर मई के बाद से उन्होंने हथियारों की आपूर्ति में देरी करनी शुरू कर दी, जो नेतन्याहू नागवार गुजरी है.

इस बीच युद्धविराम की तमाम कोशिशें भी की गई हैं, लेकिन कामयाबी हासिल नहीं हुई. इसके बावजूद अमेरिका, मिस्र और कतर के राष्ट्राध्यक्ष लगातार कोशिश कर रहे हैं. दूसरी तरफ इजरायली प्रधानमंत्री बेजामिन नेतेन्याहू अपनी ज़िद पर अड़े हुए हैं. खुद अपने ही देश में तमाम विरोधों के बाजूद वो युद्धविराम के लिए तैयार नहीं हैं. हमास के खात्में तक युद्ध जारी रखने का बात कह रहे हैं. उधर हमास पर अपनी शर्तों पर सीजफायर चाहता है. 

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गाजा पर इजरायली हवाई हमले में मारे गए 6 लोग 

गाजा में ताजा इजरायली हमले में नुसीरत शरणार्थी कैंप में रह रहे 6 लोगों की मौत हो गई. अचानक हुए इन हमलों के बाद कैंप में मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई. लोग मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुट गए. लेकिन सभी 6 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी. गाजा में फैले दहशत के इस माहौल में हमले के समय मौके पर मौजूद लोगों की माने तो एक तेज विस्फोट हुआ और कई इमारतें जमींदोज हो गई. बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है.

इजरायल ने इससे पहले गाजा के रफाह पर भी हवाई हमले कर हमास के कई अड्डों को निशाना बनाया. इन हमलों में कई आतंकियों के मारे जाने का दावा किया. इसके साथ ही एक वीडियो जारी कर इजरायली सैनिकों के गाजा में अंदर तक सक्रिय होने का भी दावा किया. गाजा में मानवीय संकट की वजह से सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे तक हमलों पर रोक लगाई गई है. लेकिन इसके बावजूद इजरायली हवाई हमले में 17 फिलिस्तीनी मारे गए. 

इजरायल की राजधानी यरुशलम में प्रदर्शन जारी

इस जंग ने गाजा में भूखमरी का सामना कर रहे फिलिस्तीनियों को भोजन, दवा और दूसरी कई आपूर्ति के प्रवाह को भी रोक दिया है. इससे हमलों में मारे जाने वाले लोगों के साथ कई लोग बीमारी और भूखमरी का भी शिकार हो रहे हैं. इस वजह से गाजा के बाहर भी इजरायल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. यहां तक कि इजरायल की राजधानी यरुशलम में हजारों प्रदर्शनकारियों ने पीएम नेतन्याहू की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की है.

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प्रदर्शनकारियों ने तुरंत चुनाव कराने और गाजा में बंधक बनाए गए इजरायल के लोंगों की जल्द रिहाई की मांग भी उठाई. इसके बाद हुई हिंसक झड़प में एक शख्स घायल हो गया और 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया. नाराज प्रदर्शनकारियों ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के यरूशलम के घर के पास भी जमकर बवाल किया. इसके बाद मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने फौरन बैरिकेडिंग कर प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की थी. 

प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भंग कर दी वॉर कैबिनेट

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपनी छह सदस्यीय वॉर कैबिनेट को भंग कर दिया है. वॉर कैबिनेट 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद 11 अक्टूबर को बनाई गई थी. ये कैबिनेट जंग के दौरान इजरायल की सुरक्षा से जुड़े अहम फैसले लेने के लिए जिम्मेदार थी. नेतन्याहू ने कैबिनेट भंग करते हुए कहा कि हमने कई ऐसे फैसले किए थे जिनसे सेना सहमत नहीं थी. वॉर कैबिनेट में काफी दिनों से मतभेद चल रहे थे. 

इसके चलते कैबिनेट के मेंबर रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज ने इस्तीफा भी दे दिया था. उन्होंने इसकी वजह गाजा में बंधकों की रिहाई के लिए नेतन्याहू द्वारा किए जा रहे प्रयास को गलत बताया था. गाजा में संघर्ष विराम और बंधकों की रिहाई को लेकर इजरायली मंत्रियों के बीच मतभेद खुलकर सामने आए थे. इसमें वित्त मंत्री भी शामिल थे. इधर इजरायल के लोग भी नेतन्याहू के खिलाफ लगातार प्रदर्शन करते हुए उनसे वॉर कैबिनेट को भंग करने की मांग कर रहे थे.

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