राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने साल 2014 में एक आम नागरिक के साथ अतिरिक्त एसपी गुलजार हुसैन की हत्या के मामले में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के तीन सदस्यों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. एनआईए ने बताया कि हत्याकांड की आगे की जांच चल रही है.
एनआईए ने शुक्रवार को असम के गुवाहाटी स्थित एनआईए स्पेशल कोर्ट में 3 आरोपियों बिष्णु नारजरी उर्फ बेरामा, नितुल दायमरी उर्फ नायब और रनिलुइश दायमरी उर्फ मोंथाई के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. इन आरोपियों पर अनलॉफुल एक्टिविटिज (पी) एक्ट की धारा 16, 18, 20, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 34, 120 बी, 302, 307 और 326 और आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत मामले दर्ज किए गए.
यह केस शुरुआत में 2014 में 28 जनवरी को असम के जिला सोनितपुर के ढेकियाजुली पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था. घात लगाकर किए गए हमले में सोनितपुर जिले के तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) गुलजार हुसैन की मृत्यु हो गई थी. साथ ही और एक आम नागरिक अनलार्क बसुमतारी भी मारे गए थे. जबकि हमले में कई अन्य पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई थीं. एनआईए ने अगस्त 2019 में फिर से केस रजिस्टर्ड कर दिया और जांच का जिम्मा ले लिया था.
2 आरोपी एनकाउंटर में मारे गए
एनआईए की जांच में पता चला कि नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB-S) के कार्यकर्ताओं ने घात लगा रखी थी, जिसके परिणामस्वरूप सोनितपुर जिले के तत्कालीन एएसपी गुलजार हुसैन और एक नागरिक की मौत हो गई थी, जबकि कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे. इस मामले में दो आरोपियों बिष्णु नारजरी और नितुल दायमरी को दोषी ठहराया गया था, जिसमें बिष्णु नारजरी को मौत की सजा सुनाई गई तो नितुल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.
हत्याकांड में शामिल NDFB कैडर के दो अन्य आरोपियों को जो इस अपराध में शामिल थे, को पहले ही सुरक्षा बलों ने अलग-अलग एनकाउंटर में मार गिराया था. हत्याकांड को लेकर मामले में आगे की जांच जारी है.