दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और जम्मू कश्मीर पुलिस ने एक ज्वाइंट ऑपरेशन में दिल्ली के तुर्कमान गेट से एक हवाला एजेंट को गिरफ्तार किया गया है जो लश्कर और अल बद्र जैसे आतंकी संगठनों को हवाला के जरिये रकम मुहैया करवाता था. मोहम्मद यासीन नाम के इस हवाला ऑपरेटर ने कश्मीर के एक आतंकी को 10 लाख रुपए ट्रांसफर भी किये जो बाद में आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किये गए.
बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस को केंद्र की एजेंजियों के जरिए जानकारी मिली थी कि मीना बाजार से कोई हवाला एजेंट काम कर रहा है. वो आतंकियों के लिए फंड जुटाने का काम कर रहा है. उस इनपुट के आधार पर ही एक टीम का गठन किया गया और फिर शुक्रवार को उसे तुर्कमान गेट से गिरफ्तार किया गया.
दक्षिण अफ्रीका से आ रहा था पैसा
पूछताछ के दौरान पता चला है कि मोहम्मद यासीन असल में एक गार्मेंट व्यापारी है. वो मीना बाजार से अपना काम कर रहा था. लेकिन गार्मेंट वाला काम दुनिया को दिखाने के लिए था, असल में विदेशों से आ रहे पैसों को जम्मू-कश्मीर भेजने का काम कर रहा था. एक बड़ा हवाला रैकेट चल रहा था जिसकी एक कड़ी खुद वो था. पूछताछ में मोहम्मद ने बताया है कि ये पैसा दक्षिण अफ्रीका से भारत के सूरत और मुंबई आता था. फिर वहां दिल्ली उसके पास और फिर आखिर में जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के पास जाता था.
हाल के दिनों में इस मोहम्मद यासीन को हवाला के जरिए 24 लाख रुपये भी ट्रांसफर किए गए थे. उसमें से 17 लाख रुपये तो जम्मू-कश्मीर भेज भी दिए गए. दो अलग-अलग कोरियर के जरिए उस पैसे को घाटी भेजा गया. इससे पहले अब्दुल हामिद नाम के आतंकी को भी 10 लाख रुपये भेजे गए थे. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अब्दुल को गिरफ्तार कर लिया है.
हवाला नेटवर्क खत्म करने पर जोर
वैसे यहां ये जानना जरूरी हो जाता है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को कम करने के लिए अब सिर्फ आतंकियों का सफाया नहीं किया जा रहा, बल्कि उन ऑपरेटर्स को गिरफ्तार किया जा रहा है जो उनके लिए फंड इकट्ठा करते हैं. एक्सपर्ट मानते हैं कि अगर हवाला कारोबार को ध्वस्त कर दिया गया, तो घाटी में आतंकियों तक कैश की सप्लाई रुक जाएगी और उनका हमला करना मुश्किल हो जाएगा.
घाटी की वर्तमान स्थिति की बात करें तो एक बार फिर टारगेट किलिंग का दौर शुरू हो चुका है. कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया जा रहा है, बाहर से आने वाले मजदूरों को गोली मारी जा रही है. सरकार की तरफ से सुरक्षा की गारंटी जरूर दी गई है, लेकिन जमीन पर माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है.