मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में पुलिसवालों ने अपनी करतूत से वर्दी को दागदार कर दिया. यहां हवाला के 1.45 करोड़ रुपए की लूट के मामले में 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, जबकि एसडीओपी (अनुविभागीय अधिकारी) पूजा पांडे को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया है. इससे पहले जबलपुर आईजी की रिपोर्ट के आधार पर उवको तत्काल निलंबित कर दिया गया था.
जानकारी के मुताबिक, यह मामला 8 अक्टूबर की रात का है. सिवनी जिले के सिलादेही जंगल में पुलिस टीम ने एक वाहन को रोककर तलाशी ली, तो उसके अंदर बड़ी रकम देखकर दंग रह गई. ये पैसा कटनी से महाराष्ट्र के जालना भेजी जा रही थी. लेकिन जांच और जब्ती की प्रक्रिया पूरी करने के बजाय, पुलिस टीम ने ड्राइवर के साथ पहले मारपीट की, फिर उसके पास मौजूद पैसे लूट लिए.
मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश के बाद यह मामला गंभीरता से लिया गया. 9 अक्टूबर को व्यापारी और ड्राइवर की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी. इसके बाद पुलिस महानिरीक्षक (जबलपुर) प्रमोद वर्मा ने जांच का आदेश दिया. जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कैलाश मकवाना ने एसडीओपी पूजा पांडे को निलंबित कर गिरफ्तार करने का आदेश जारी कर दिया.
इस घटना में 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 310(2) डकैती, 126(2) गलत तरीके से रोकना, 140(3) अपहरण और 61(2) आपराधिक षड्यंत्र के तहत केस दर्ज किया गया है. आरोप है कि सभी पुलिसकर्मियों ने मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया. यह मामला तब खुला जब अगले दिन व्यापारी खुद कोतवाली पहुंचा और बताया कि उससे 1.45 करोड़ पुलिस ने छीन ली है.
सिवनी के पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मेहता के मुताबिक, 8 अक्टूबर की रात बंडोल थाना प्रभारी और एसडीओपी कार्यालय के कर्मचारियों ने सिलादेही जंगल के पास एक चार पहिया वाहन को रोका था. वाहन की तलाशी में भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी. यह रकम हवाला के जरिए कटनी से महाराष्ट्र के जालना भेजी जा रही थी. पुलिस टीम ने रकम जब्त करने की बजाए खुल लूट लिया.
इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस विभाग ने फौरन कार्रवाई करते हुए अब तक कुल 10 पुलिसकर्मी निलंबित कर दिया है. इन निलंबित पुलिसकर्मियों में बंडोल थाना प्रभारी उप-निरीक्षक अर्पित भैरम, हेड कांस्टेबल माखन और रवींद्र उइके, कांस्टेबल जगदीश यादव, योगेंद्र चौरसिया, रितेश (ड्राइवर), नीरज राजपूत, केदार और सदाफल शामिल हैं. इनके खिलाफ विभागीय और आपराधिक कार्रवाई होगी.