
लूट, हत्या और रंगदारी के कई मामलों में फरार चल रहे दिल्ली के गैंगस्टर हाशिम बाबा को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया. हालांकि दिल्ली के टॉप मोस्ट गैंगस्टर हाशिम बाबा की जुर्म की दुनिया में एंट्री से लेकर गिरफ्तार होने तक की कहानी भी किसी फिल्म से कम नहीं है.
आज तक को मिली Exclusive जानकारी के मुताबिक ट्रांस यमुना में और यूपी में दिन दहाड़े हत्याओं को अंजाम देने वाले 5 लाख के इनामी गैंगस्टर को हर हाल में गिरफ्तार करने का फरमान दिल्ली पुलिस के कमिश्नर ने अपने पद संभालने के कुछ दिन बाद ही दे दिया था. यही वजह है कि दिल्ली पुलिस की 50 से ज्यादा अलग-अलग यूनिट की टीमें 5 लाख के इनामी हाशिम बाबा के पीछे लगीं थी लेकिन आखिरकार कामयाबी दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल को मिली.
सूत्रों के मुताबिक रात तकरीबन 3 बजे लोधी कॉलोनी स्पेशल सेल के दफ्तर में मौजूद सर्विलांस टीम ने एक कॉल इंटरसेप्ट की जिसमें एक शख्स एक महिला से बात करता सुनाई दे रहा था कि 'बाबा भाई ने फोन करवाया है, वो अभी तुम्हारे पास आएंगे.' सर्विलांस टीम ने तुरंत ये जानकारी स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर विनोद वलोडा और सब इंस्पेक्टर सुंदर गौतम की दी.
दोनों ने ये जानकारी रात में ही दिल्ली के सुपर कॉप एसीपी ललित मोहन नेगी और एसीपी हृदयभूषण को दी. दोनों एसीपी ने बिना देर किए इंस्पेक्टर विनोद और सब इंस्पेक्टर सुंदर गौतम को टीम के साथ इंटरसेप्ट करते हुए उस कॉल वाली लोकेशन पर जाने के लिए कहा. लेकिन सवाल उठता है कि आखिर उस कॉल में ऐसा क्या था कि दिल्ली पुलिस एंटी टेरर यूनिट स्पेशल सेल के दफ्तर में देर रात हड़कंप मच गया.
आज तक को मिली जानकारी के मुताबिक वो कॉल कुख्यात गैंगस्टर हाशिम बाबा के गुर्गे और हाशिम बाबा की दूसरी बीवी जोया के बीच की थी, जिसमें बताया जा रहा था कि जोया तैयार रहे, उससे मिलने उसका पति और दिल्ली का वो टॉप मोस्ट गैंगस्टर मिलने आएगा, जिसकी तलाश में पूरी दिल्ली पुलिस लगी हुई है, जिसको गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली के यमुनापार के इलाकों में कई टीमों ने कमांडोज तक के साथ रेड की थी.
सूत्रों के मुताबिक 11 नवंबर की सुबह 5 बजकर 45 मिनेट पर हाशिम बाबा जैसे ही अपनी दूसरी बीवी जोया से मिलकर बाहर आया, पहले से मौजूद स्पेशल सेल की टीम ने उसे रोका. हाशिम बाबा ने तुरंत पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. हाशिम को पैर में गोली लग चुकी थी. उसी दौरान दोनों तरफ की ताबड़तोड़ फायरिंग के बीच हाशिम बाबा की बीवी जोया कूद गई और हाशिम को घेर लिया. जिसके बाद स्पेशल सेल के जवानों को गोली चलानी बंद करनी पड़ी और फिर घायल हाशिम ने खुद को पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया.

जुर्म की दुनिया का बाबा बनने की कहानी
हाशिम बाबा का असली नाम आसिम है. दिल्ली के यमुनापार इलाके में सबसे पहले उसने गैंबलिंग का धंधा शुरू किया. आसिम संजय दत्त की तरह बड़े-बड़े बाल रखता था. संजय दत्त स्टाइल में फोटो खिंचवाता और धीरे-धीरे आसिम अंडरवर्ल्ड डॉन अबु सलेम और दाऊद इब्राहिम की तरह बड़ा डॉन बनने का सपना देखने लगा और यमुनापार में फैले नासिर गैंग में शामिल हो गया.
व्यापारियों को डरना धमकाना, रंगदारी मांगना, पैसे न देने पर गोली मार देना, इस गैंग का धंधा था. संजय दत्त के फैन इस गैंगस्टर ने बाबा नाम भी संजू बाबा वाले नाम से ही लिया और फिर दहलाने वाली स्टाइल में गोली चलाने की आदतों की वजह से जुर्म की दुनिया में इसे हाशिम बाबा नाम से जाना जाने लगा. गैंग के लीडर नासिर के जेल में जाने के बाद हाशिम बाबा गैंग की कमान संभालने लगा. वो गैंग जिसे नासिर ने खड़ा किया, उस गैंग पर कब्जा अब हाशिम का हो चुका था.
जेल से नासिर के बाहर आने के बाद जब नासिर को इसका एहसास हुआ, तब दोनों के बीच गैंगवार शुरू हुई. जिसमें कई लोगों की अब तक जान जा चुकी है. दोनों के बीच होने वाले गैंगवार के सीसीटीवी मीडिया की हेडलाइन बनते थे और दिल्ली पुलिस पर सवाल खड़े होते थे. लिहाजा स्पेशल सेल ने पहले नासिर को लंबे चेज के बाद 1 महीने पहले ही गिरफ्तार किया था और इसी टीम ने अब हाशिम बाबा को गिरफ्तार किया.
यमुनापार को बनाया ठिकाना
हाशिम बाबा मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में ज्यादातर छुपता था, जो काफी भीड़-भाड़ वाले इलाके होते थे. कभी चांद बाग, कभी मुस्तफाबाद, कभी सलीमपुर में इसकी लोकेशन मिलती लेकिन पुलिस के कई किलोमीटर दूर पहुंचने से पहले ही बाबा को भनक मिलती और फरार हो जाता था. हाशिम बाबा अब पुलिस की गिरफ्त में है. ऐसे में सूत्रों का कहना है कि यमुनापार में फैले क्राइम पर काफी हद तक लगाम लगेगी.