हापुड़ जिले के पिलखुवा क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की ने दुकानदार पर ब्लेड से हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए. घायल दुकानदार को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. दुकानदार के भाई देव सैनी ने बताया कि उनकी दुकान पर एक लड़की सामान लेकर आई थी जिसे वह रिटर्न करना चाहती थी. यह लड़की पहले भी कई बार सामान रिटर्न कर चुकी थी. इस बार दुकानदार ने पहले ही कह दिया था कि इस बार वह सामान को रिटर्न नहीं करेंगे.
नाराज लड़की ने किया ब्लेड से हमला
जब दुकानदार ने लड़की से कहा कि वह सामान रिटर्न नहीं करेगा, तो वह गुस्से में आकर दुकानदार को धमकी देने लगी. दुकानदार ने उसे पैसा वापस करते हुए दुकान से जाने को कहा, लेकिन तभी लड़की ने पलटकर दुकानदार के हाथ और सीने पर ब्लेड से हमला कर दिया.
नाबालिग गिरफ्तार
दुकानदार के परिवार ने घटना की सीसीटीवी फुटेज और रिकॉर्डिंग पुलिस को सौंप दी. पुलिस ने नाबालिग लड़की को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच कर रही है. पिलखुआ कोतवाली के इंस्पेक्टर पटनीश कुमार ने बताया कि लड़की नाबालिग और मंदबुद्धि है. इस मामले में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है और यह मामला जुवेनाइल कोर्ट में भेजा जाएगा. पुलिस ने बताया कि इस मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है और जुवेनाइल कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी.
भारत में अगर कोई नाबालिग (18 साल से कम उम्र का) अपराध करता है, तो उस पर Juvenile Justice (Care and Protection of Children) Act, 2015 के तहत कार्रवाई होती है. इस कानून में बच्चों के लिए सज़ा का तरीका वयस्कों से अलग होता है, खासकर जब बच्चा मंदबुद्धि (mentally unstable) भी हो, जैसा कि इस केस में बताया गया है.
आरोपी की उम्र और मानसिक स्थिति
अगर लड़की की उम्र 16 साल से कम है और वह मानसिक रूप से अस्थिर है, तो सजा बेहद नरम हो सकती है. उसे सुधार गृह (juvenile home) में भेजा जा सकता है.
अगर उम्र 16 से ऊपर है, और अपराध गंभीर (heinous) श्रेणी में आता है (जैसे जानलेवा हमला - IPC धारा 307), तो Juvenile Justice Board तय करता है कि मुकदमा बच्चे की तरह चलेगा या वयस्क की तरह.