मध्य प्रदेश के सतना में पुलिस ने हत्या के एक मामले को 48 घंटे में सुलझाकर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. बेटे की चाहत में महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर यह हत्या कराई. जिससे वो उसके मासूम बेटे को अपनी बहन को दे सके.इस हत्या का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने मुख्य आरोपी समेत सात को गिरफ्तार किया है.
बीते 13 मार्च की सतना के हनुमान नगर में संजय गुप्ता के मकान से दुर्गंध आने पर जब ताला तोड़ा गया था तो अंदर के कमरे में युवती की क्षत-विक्षत लाश पड़ी मिली थी. सिटी कोतवाली क्षेत्र के राजेन्द्र नगर गली नंबर 13 निवासी अविनाश चौधरी की पत्नी केशनी के लापता होने की बात सामने आई. तो परिजनों को बुलाकर शव दिखाया गया.जिस पर उन्होंने पहचान कर बताया कि केशनी शादी-पार्टियों में काम करती थी और यह लाश उसकी है.
परिजनों ने बताया कि 2 मार्च को वो किसी के घर काम करने के लिए गई थी और उसके साथ 4 माह के बेटा अभिराज भी था. तब से वापस नहीं आई. मृतिका की शिनाख्त होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और पोस्टमार्टम के दौरान उसके कपड़ों से मिले सिमकार्ड की सीडीआर निकाली, तो अंतिम बार गौरव सिंह निवासी महुआ बस्ती से अंतिम बार 5 मार्च को बात होने का सुराग मिला. लिहाजा तेजी से तलाश की गई और प्रयागराज के एक ईंट भट्ठे से गिरफ्तार कर पूछताछ की गई तो आरोपी ने जुर्म कबूल कर वारदात का काला चिट्ठा खोल दिया.
आरोपी ने पुलिस को बताया कि लगभग 6 माह पूर्व फेसबुक के जरिए शहडोल निवासी सुधा गोले से जान-पहचान हुई थी. वो पति की मौत के बाद मायके में रह रही थी. धीरे-धीरे उनके बीच प्रेम हो गया और बात शादी तक पहुंच गई. इसी बीच सुधा ने बड़ी बहन अर्चना गोले निवासी रीवा के लिए एक नवजात बच्चा दिलाने की चर्चा छेड़ दी. जिसकी पहले से 2 बेटियां थीं और नसबंदी का ऑपरेशन भी करा चुकी थी. लेकिन ससुराल वाले बेटे के लिए दबाव बना रहे थे. तमाम कोशिशों के बाद भी उमेश बच्चा नहीं ला पाया, उधर सुधा लगातार उमेश पर दबाव बना रही थी. ऐसे में उसे शादी पार्टियों में साथ काम करने वाली केशनी चौधरी का ध्यान आया, जिसका छोटा बच्चा था.
आरोपी ने 4 मार्च को काम दिलाने के बहाने केशनी को बस स्टैंड पर बुलाया और सुधा के घर मां-बेटे को ले गया. फिर सुधा गोले के कहने पर गौरव सिंह ने अपनी पुरानी परिचित मृतिका के चार माह के लड़के को मृतिका केशनी से छीनने की योजना बनाई और केशनी को अपने साथ नई बस्ती किराए के मकान में आया. यहां गौरव ने अपने साथी लवकुश को चाय बनाने के लिए कहा. लवकुश ने बेलन से 19 नशे की गोली पीसकर मिलाकर चाय पिलाई..
केशनी बेहोश हो गयी तो गौरव के अपने साथियों के साथ मिलकर उसका गला दबाकर मार डाला. इसके बाद सुधा गोले और लवकुश बेलदार ने केशनी के बच्चे को अर्चना को बच्चा दे दिया और उसे लेकर वे रीवा चले गए। इधर 4 माह का बच्चा देख कर अर्चना के परिजनों ने उसे लेने से इनकार कर दिया, जिस कारण सुधा कटनी में उस बच्चे को छोड़कर कर फरार हो गई.