दिल्ली के नॉर्थ एवेन्यू इलाके में महिलाओं और अस्पतालों में अकेले मरीजों को निशाना बनाकर चोरी और धोखाधड़ी की वारदातों को अंजाम देने वाले एक गिरोह के सदस्य को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. दिल्ली पुलिस द्वारा पकड़े गए शातिर अपराधी की पहचान अनिल (30) के रूप में हुई है. वो राजधानी में सक्रिय एक संगठित गिरोह का सदस्य है, जो महिलाओं के भरोसे का फायदा उठाकर उनके कीमती आभूषण और सामान लेकर फरार हो जाया करता था.
पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) देवेश कुमार महला ने बताया कि अनिल के खिलाफ धोखाधड़ी, चोरी और आपराधिक साजिश के आठ मामले दर्ज हैं. नॉर्थ एवेन्यू थाना क्षेत्र में दर्ज दो मामलों के सिलसिले में उसे गिरफ्तार किया गया है. आरोपी और उसका साथी महिलाओं से जान-पहचान बनाकर उन्हें एक नकली कहानी सुनाते थे. वे उनसे कहते थे कि उन्हें एक बैग मिला है. उसमें बहुत ज्यादा कैश रखे हुआ है. इस कहानी के जरिए वे महिलाओं को भ्रमित करते थे.
इसके बाद जैसे ही मौका मिलता, उनके गहनों और अन्य कीमती सामानों पर हाथ साफ कर देते थे. इस गिरोह का दूसरा तरीका और भी खतरनाक था. वे अस्पतालों में ऐसे मरीजों को चिन्हित करते थे जो अकेले थे या उनके साथ कोई देखभाल करने वाला नहीं होता था. फिर वे मददगार बनकर उनके पास जाते और भरोसा जीतने के बाद उनके सामान पर हाथ साफ कर देते. इन घटनाओं में आरोपी अपनी असली पहचान छिपाने के लिए उपनामों का भी इस्तेमाल करते.
वे ऐसा इसलिए करते ताकि पुलिस की जांच भटक जाए. पुलिस ने बताया कि अनिल की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम गठित की गई थी, जिसने गहन जांच और निगरानी के बाद उसकी पहचान की और उसे धर दबोचा. इतना ही नहीं पिछले साल गोविंदपुरी थाने में दर्ज एक मामले में उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया गया था. अब पुलिस उसके अन्य साथियों की तलाश में जुटी है, जो गिरोह के साथ मिलकर इसी तरह की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.
दिल्ली पुलिस इस गिरफ्तारी को बड़ी सफलता मान रही है, क्योंकि उसके पकड़े जाने से न केवल कई लंबित मामलों में सुराग मिलेगा, बल्कि लोगों में भय फैलाने वाले एक संगठित गिरोह की कमर भी टूटेगी. पुलिस आगे की जांच में जुटी है और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही पूरे गिरोह का पर्दाफाश कर लिया जाएगा. बताते चलें कि अप्रैल में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में नवजात बच्ची को चुराने के आरोप में एक महिला को गिरफ्तार किया गया था.
आरोपी महिला के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था. ये घटना 15 अप्रैल को हुई, जब एक दिन पहले जन्मी बच्ची दोपहर 3.17 बजे अस्पताल के वार्ड से लापता हो गई. आरोपी महिला का नाम पूजा है. उसने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वो पिछले सात साल से शादीशुदा है, लेकिन गर्भधारण नहीं कर पा रही थी. इसलिए उसने अपने पति को धोखा देकर यह विश्वास दिलाने का फैसला किया कि वो गर्भवती है.
इसके बाद 14 अप्रैल को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती होने का नाटक किया. इस दौरान उसने एक नवजात बच्ची का अपहरण कर लिया. उसे अपना बताते हुए घर ले आई. पुलिस के अनुसार, चाणक्यपुरी के यशवंत प्लेस निवासी बच्ची के पिता की शिकायत के बाद सफदरजंग एन्क्लेव थाने में केस दर्ज की गई. इसके बाद नवजात बच्ची की तलाश करने के लिए पुलिस की कई टीमें गठित की गईं. फिर पुलिस ने नवजात को बरामद करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.