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उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल की तैयारी, इन 19 जिलों में जारी किए गए ये निर्देश

उत्तर प्रदेश में बुधवार को सिविल, पुलिस प्रशासन, फायर सर्विस और डिजास्टर रिस्पांस फोर्स को शामिल करते हुए बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा. गृह मंत्रालय ने सोमवार को सभी राज्यों से बुधवार को मॉक ड्रिल करने को कहा है, क्योंकि पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच नए खतरे सामने आए हैं.

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7 मई को पूरे देश में युद्ध का सायरन बजेगा (फोटो- AI)
7 मई को पूरे देश में युद्ध का सायरन बजेगा (फोटो- AI)

उत्तर प्रदेश में बुधवार को सिविल, पुलिस प्रशासन, फायर सर्विस और डिजास्टर रिस्पांस फोर्स को शामिल करते हुए बड़े पैमाने पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा. गृह मंत्रालय ने सोमवार को सभी राज्यों से बुधवार को मॉक ड्रिल करने को कहा है, क्योंकि पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच नए खतरे सामने आए हैं.

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि हमें 7 मई को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के बारे में भारत सरकार से निर्देश मिले हैं. ड्रिल के लिए उन्नीस जिलों की पहचान की गई है. इन जिलों को विभिन्न श्रेणियों में रखा गया है. इन 19 में से एक जिले को 'ए' श्रेणी में, दो को 'सी' श्रेणी और शेष को 'बी' श्रेणी में रखा गया है.

यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया, "देश भर में मॉक ड्रिल आयोजित करने का फैसला एक स्वागत योग्य कदम है. देश जिस स्थिति का सामना कर रहा है उसमें यह महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक नागरिक युद्ध के लिए तैयार रहे. भारत के दुश्मनों के ताबूत में अंतिम कील ठोकने और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए, जो भी जरूरी है, किया जाएगा." 

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बता दें कि भारत सरकार ने 7 मई की तारीख तय कर दी है. पूरे हिंदुस्तान में इस दिन युद्धकाल में बचाव के तौर तरीके आजमाये जाएंगे. केंद्र सरकार से देश के सभी राज्यों को चिट्ठी गई है. इसमें लिखा है कि मौजूदा हालात को देखते हुए उच्चतम स्तर की नागरिक सुरक्षा तैयारी रखी जाए. लिहाजा देश भर में 7 मई को सिविल डिफेंस की मॉक ड्रिल होगी. 

इसमें देश के 7 राज्यों के 13 शहरों में कैटेगरी एक, 201 शहरों को कैटेगरी दो, 45 शहरों को कैटेगरी तीन में रखा गया है. सुरक्षा खतरा को देखते हुए कुल 259 सिविल डिफेंस डिस्ट्रिक्ट्स में मॉक ड्रिल होगी. इसमें डिस्ट्रिक्ट कंट्रोलर, सिविल डिफेंस वार्डन, होमगार्ड, नेशनल कैडेट कोर, नेशनल सर्विस स्कीम, नेहरू युवा केंद्र संगठन और कॉलेज-स्कूल के विद्यार्थी शामिल होंगे. 

इन मॉक ड्रिल में फायर से लेकर फ्लड तक और डिजास्टर से लेकर डेंजर तक कम्युनिटी को हर तरह के खतरे और बचाव के तरीके से लोगों को आगाह किया जाएगा. देश के संवेदनशील ठिकानों, उद्योगों, पावर सेंटर्स, सैन्य ठिकानों को ढंकने, छिपाने, बचाने के तरीके आजमाये जाएंगे. हिंदुस्तान परखेगा कि सेना के सारे कम्युनिकेशन लिंक्स कैसे काम करते हैं.

कंट्रोल रूम तक सूचना का आदान प्रदान कितना सटीक होता है. सिविल डिफेंस सर्विसेज कितनी देर में एक्टिव होती हैं. कठिन हालात में फायर फाइटिंग, रेस्क्यू ऑपरेशन्स और डिपो मैनेजमेंट कितनी देर में मुकम्मल कर लिया जाता है. हिंदुस्तान में इन तमाम तैयारियों को लेकर पूरी दुनिया में इसे युद्ध की आहट के तौर पर देखा जा रहा है.

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पाकिस्तान की दहशतगर्दी और हिंदुस्तान के पलटवार की कहानियों का एक सिरा 1971 से जुड़ा है. वो 5 दिसंबर 1971 की तारीख थी जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पूर्वी पाकिस्तान के अंदर पश्चिमी पाकिस्तान के उपद्रव के बाद भारत ने लास्ट वॉर्निंग दे दी थी. अब 5 मई 2025 की तारीख थी. जब भारत की गैर मौजूदगी में दुनिया ने पाकिस्तान को लास्ट वॉर्निंग दी.

1971 में यूएनएससी की बैठक के बाद ठीक दूसरे दिन भारत ने कश्मीर से लेकर अन्य हिस्सों तक मॉक ड्रिल की थी. आम लोगों को कठिन हालात में अपनी हिफाजत कैसे करनी है ये सेना पुलिस और सिविल डिफेंस वालों ने बताया था. एक बार फिर पाकिस्तान यूएनएससी में रोकर आया है. दूसरे दिन पूरा हिंदुस्तान मॉक ड्रिल करने जा रहा है.

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