प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा को चीनी खुफिया अधिकारियों को कथित रूप से गोपनीय और संवेदनशील जानकारी प्रदान करने के आरोप में गिरफ्तार किया है, जिसमें भारत की सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों से समझौता किया गया.
राजीव शर्मा को शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया जहां उसे 7 दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया गया.
प्रवर्तन निदेशालय ने राजीव शर्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के प्रावधानों के तहत दिल्ली पुलिस द्वारा दायर प्राथमिकी और आरोपपत्र के आधार पर जांच शुरू की थी.
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अधिकारियों के अनुसार, जांच के दौरान यह पता चला था कि राजीव शर्मा ने चीनी खुफिया अधिकारियों को पारिश्रमिक के बदले में गोपनीय और संवेदनशील जानकारी दी थी, जिससे भारत की सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों से समझौता किया गया था.
चीनी नागरिक चला रहे शेल कंपनियां
केंद्रीय जांच एजेंसी ने बताया कि जांच के दौरान यह पता चला कि राजीव शर्मा और अन्य अज्ञात लोगों के भुगतान के लिए कैश महिपालपुर स्थित शेल कंपनियों द्वारा हवाला के जरिए मंगाया जा रहा था, जो कि चीनी नागरिकों द्वारा चलाई जा रही थीं. इन शेल कंपनियों को झांग चेंग उर्फ सूरज, झांग लिक्सिया उर्फ उषा और क्विंग शी के अलावा एक नेपाली नागरिक शेर सिंह उर्फ राज बोहरा चला रहे थे.
जांचकर्ताओं का दावा है कि कैश के अलावा, भारत में कई चीनी कंपनियों और कुछ अन्य व्यापारिक कंपनियों के साथ भारी लेनदेन किया गया था, जिनकी भी जांच की जा रही है.