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बैंक धोखाधड़ी मामले में ED की कार्रवाई, हरियाणा के कारोबारी की 7.52 करोड़ की संपत्ति जब्त

आरोप है कि महेश टिम्बर प्राइवेट लिमिटेड ने बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से 21.47 करोड़ रुपये की क्रेडिट सीमा के वास्तविक पत्र के मुकाबले धोखाधड़ी से 173.03 करोड़ रुपये की राशि विदेशों में ट्रांसफर कर दी थी.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • CBI द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी
  • 7.52 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हरियाणा स्थित महेश टिम्बर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अशोक कुमार मित्तल की 7.52 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. अशोक कुमार मित्तल की कुर्क की गई अचल संपत्तियां पंजाब के मानसा में प्लॉट और जमीन के रूप में हैं.
 
ईडी ने हरियाणा की करनाल स्थित कंपनी महेश टिम्बर, उसके निदेशक मित्तल और अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी और लोक सेवक के आपराधिक कदाचार के कथित अपराध के लिए CBI द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की थी.

ईडी ने आरोप लगाया है कि महेश टिम्बर प्राइवेट लिमिटेड ने बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से 21.47 करोड़ रुपये की क्रेडिट सीमा के वास्तविक पत्र के मुकाबले धोखाधड़ी से 173.03 करोड़ रुपये की राशि विदेशों में ट्रांसफर कर दी थी. इससे बैंक को 155 करोड़ रुपये का घाटा हुआ.

ईडी ने एक बयान में आरोप लगाया कि, "जांच से पता चला है कि बैंक लोन फंड को सिंगापुर में पंजीकृत निदेशक की संबंधित इकाई में भेज दिया गया था और लेनदेन के जटिल वेब के माध्यम से पैसा निकाला गया था."

 

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