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धर्मस्थल सामूहिक दफन मामला: साइट संख्या 11 से मिले संदिग्ध मानव अवशेष, SIT पर बढ़ा दबाव

धर्मस्थल सामूहिक दफनाने के सनसनीखेज मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है. नेत्रावती नदी किनारे चल रहे उत्खनन अभियान के छठे दिन जांच टीम को घटनास्थल संख्या 11 से संदिग्ध मानव अवशेष मिले हैं. पुलिस सूत्रों ने इस बरामदगी की पुष्टि की है.

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धर्मस्थल सामूहिक दफनाने के सनसनीखेज मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है. (Photo: ITG)
धर्मस्थल सामूहिक दफनाने के सनसनीखेज मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है. (Photo: ITG)

धर्मस्थल सामूहिक दफनाने के सनसनीखेज मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है. नेत्रावती नदी किनारे चल रहे उत्खनन अभियान के छठे दिन जांच टीम को घटनास्थल संख्या 11 से संदिग्ध मानव अवशेष मिले हैं. पुलिस सूत्रों ने इस बरामदगी की पुष्टि की है. हालांकि, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फॉरेंसिक जांच के बाद ही यह साफ होगा कि यह वास्तव में मानव अवशेष हैं या नहीं. इसकी जांच की जा रही है.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नेत्रावती नदी के पास स्थित साइट संख्या 11 पर खुदाई के दौरान कुछ ऐसा मिला, जिसने जांच अधिकारियों को चौकन्ना कर दिया. मौके पर मौजूद एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''हम इस बरामदगी की पुष्टि कर रहे हैं. फॉरेंसिक जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी. इसके बाद ही आधिकारिक जानकारी साझा की जाएगी.'' इससे पहले एसआईटी ने साइट संख्या 6 से नर कंकाल बरामद किया था.

इस बीच मामला और पेचीदा तब हो गया जब मुखबिर के वकील ने एसआईटी के एक अधिकारी पर धमकाने का आरोप लगा दिया. शिकायत में दावा किया गया है कि 1 अगस्त की रात बेलथांगडी स्थित एसआईटी कैंप में अधिकारी मंजूनाथ गौड़ा ने मुखबिर की गिरफ्तारी की चेतावनी दी थी. वकील ने आरोप लगाया कि उनके मुवक्किल को जबरन बयान बदलने और वीडियो में शिकायत वापस लेने के लिए मजबूर किया गया.

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Dharmasthala Mass Burial Case

इस आरोप पर एसआईटी ने सफाई दी है. उसका कहना है कि आरोपों की जांच की जा रही है और जल्द ही इस पर आधिकारिक बयान जारी किया जाएगा. इससे पहले मुखबिर ने दावा किया था कि 1998 से 2014 के बीच धर्मस्थल में महिलाओं और नाबालिगों के शवों को दबाने और उनका गुपचुप अंतिम संस्कार करने के लिए उसे मजबूर किया गया था. कई शवों पर यौन शोषण के निशान भी होने का दावा किया गया था.

इस मामले में अब एक नया गवाह भी सामने आया है. शनिवार को जयंत टी नामक शख्स बेलथांगडी में एसआईटी के सामने पेश हुआ. उसने दावा किया कि उसे धर्मस्थल गांव में किए गए कई अवैध दफनों की प्रत्यक्ष जानकारी है. उसने कहा कि खुद कई जगहों पर चुपके से लोगों के दफनाने की गतिविधियां देखी हैं. उसके बयान के आधार पर अन्य कब्र स्थलों का पता लगाने में पुलिस को मदद मिल सकती है.

कर्नाटक सरकार ने पिछले दो दशकों में धर्मस्थल से सामूहिक हत्या, बलात्कार और अवैध दफन के संगीन आरोप लगने के बाद जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है. इस मामले में शुरुआती शिकायत एक पूर्व सफाई कर्मचारी ने दी थी, जिसने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराते हुए दावा किया कि साल 1995 से 2014 तक उसे महिलाओं और नाबालिगों के शव दफनाने के लिए मजबूर किया गया था.

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