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गला घोंटकर मारा, शव पर लगाया घी-शराब, फिर... UPSC अभ्यर्थी की जान लेने वाली लिव-इन पार्टनर की यूं खुली पोल

दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी कर रहे रामकेश मीणा की हत्या की सनसनीखेज कहानी सामने आई है. उसकी लिव-इन पार्टनर अमृता चौहान ने अपने नए साथी संदीप कुमार और उनके दोस्त सुमित कश्यप के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची. रामकेश के पास अमृता के प्राइवेट वीडियो थे, जिससे विवाद शुरू हुआ.

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हत्या को हादसा दिखाने के लिए शव पर घी, शराब और ज्वलनशील पदार्थ लगाए गए और गैस सिलेंडर से धमाका किया गया. (Photo: ITG)
हत्या को हादसा दिखाने के लिए शव पर घी, शराब और ज्वलनशील पदार्थ लगाए गए और गैस सिलेंडर से धमाका किया गया. (Photo: ITG)

यूपीएससी का एक अभ्यर्थी जो आईएएस बनना चाहता था, उसे उसी के कमरे में उसी की लिव-इन पार्टनर ने मार डाला. दिल्ली पुलिस ने जब इस घटना का खुलासा किया तो कई सनसनीखेज तथ्य सामने आए. इस घटना में कुल 3 किरदार शामिल थे लेकिन बाद में चौथा भी जुड़ गया. अमृता चौहान, रामकेश मीणा और सुमित कश्यप, ये दिल दहला देने वाली कहानी इन्हीं तीनों के आसपास घूमती है.. इस कहानी के चौथे किरदार का नाम है संदीप कुमार.

अमृता और रामकेश दिल्ली के गांधी विहार में रहते थे. रामकेश यूपीएससी की तैयारी करता था और अमृता बीएससी फॉरेंसिक साइंस की स्टूडेंट है. दोनों लिव इन में थे लेकिन बीच में किसी वजह से अमृता रामकेश से अलग हो गई और वह संदीप कुमार, जो अमृता के होम डिस्ट्रिक मुरादाबाद का रहने वाला है, उसके साथ रहने लगी. 

रामकेश के पास थे अमृता के प्राइवेट वीडियो

अमृता चाहती थी कि रामकेश के साथ उसकी पुराने वक्त की सभी यादें मिट जाएं. लेकिन वह ऐसा करने को राजी नहीं हुआ क्योंकि रामकेश के पास उसके कुछ प्राइवेट वीडियो थे. बस यहीं से अमृता ने खून की साजिश रची और इसके लिए उसने अपने बॉयफ्रेंड संदीप की मदद ली. बता दें कि संदीप एसएससी सीजीएल का अभ्यर्थी है. 

संदीप ने अपने एक और दोस्त सुमित को भी इसमें शामिल किया. सुमित एलपीजी डीलर है और यूपी के मुरादाबाद का ही रहने वाला है. 6 अक्टूबर को सुमित और अमृता प्लान के मुताबिक रामकेश के घर पहुंचे और गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी. सुमित ने गैस सिलेंडर खोलकर रामकेश के पास ऐसे रखा कि एक निश्चित वक्त के बाद उसमें धमाका हो जाए.

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सीसीटीवी फुटेज से खुला राज

इन दोनों ने रामकेश के शव पर घी, शराब और कमरे में जो भी ज्वलनशील पदार्थ था, सब लगा दिया ताकी यह हत्या नहीं हादसा लगे. 6 अक्टूबर को घटना को अंजाम देकर दोनों वहां से निकले. सबकुछ प्लान के मुताबिक ही हुआ. धमाका हुआ. आग लग गई और प्लान सक्सेसफुल हो गया. लेकिन दिल्ली पुलिस ने जब पड़ताल शुरू की तो कैमरे बोल उठे और मोबाइल गवाही देने लगा कि यह हादसा नहीं हत्या है.

कमरे में कुछ नहीं बचा

32 साल का नौजवान जो आईएएस बनने का सपना देखता था. दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी करता था. लेकिन एक दिन कमरे में उसकी जली हुई लाश मिलती है. आग इतनी भयावह थी कि कमरे में रखा सारा सामान जल गया. पुलिस को पहला सुराग सीसीटीवी फुटेज से मिला, जिसमें कुछ ऐसा दिखा जिससे पुलिस को शक हुआ कि यह हादसा नहीं बल्कि हत्या है.

कैमरे में क्या दिखा?

गांधी विहार के जिस मकान में रामकेश की हत्या हुई उसी मकान के कैमरे ने अमृता चौहान के खूनी प्लान का भांडा फोड़ दिया. घटना वाले दिन दो नकाबपोश बिल्डिंग के अंदर घुसते हैं और कुछ देर बाद दोनों बाहर निकल जाते हैं. उनके निकलते ही वहां धमाका हो जाता है. ये दोनों नकाबपोश कोई और नहीं बल्कि अमृता चौहान और सुमित कश्यप थे.

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दिल्ली पुलिस ने जब कड़ियों को जोड़ना शुरू किया तो परतें खुलने लगीं. रामकेश बिल्डिंग के चौथे फ्लोर पर रहता था. अमृता और सुमित रात के अंधेरे में रामकेश के कमरे में पहुंचे और उसकी हत्या कर दी. उन्होंने ऐसा दिखाने का प्रयास किया यह हत्या नहीं हादसा है.

दरवाजे को ऐसे बंद किया कि लगे रूम अंदर से लॉक है

चूंकि सुमित ए़लपीजी डीलर है इसलिए उसे इसका अच्छी तरह ज्ञान था कि कितनी गैस खोलनी है, कितनी दूरी से खोलनी है और धमाका कितनी देर में होगा. सुमित और अमृता बिल्डिंग से बाहर निकले लेकिन निकलते वक्त अमृता ने अपना फॉरेंसिक साइंस वाला दिमाग लगाया और दरवाजे को ऐसे बंद किया कि लगे रूम अंदर से ही लॉक था. 

दिल्ली पुलिस ने इस खूनी साजिश का पर्दाफाश कर दिया है. फॉरेंसिक एक्सपर्ट और टेक्निकल एडवांस सिस्टम का इस्तेमाल करके दिल्ली पुलिस अपराधियों तक पहुंची और उन्हें गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया.

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