दिल्ली की द्वारका जिला पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. लगभग एक महीने से गायब 37 नाबालिग बच्चों में से 23 को नाबालिग बच्चों को बरामद कर पुलिस ने उनके घरवालों तक पहुंचा दिया है.
बरामद बच्चों में 17 लड़कियां और 6 लड़के शामिल हैं. दरअसल द्वारका की पुलिस 'सर्च फ़ॉर मिसिंग चिल्ड्रेन' नाम से एक अभियान चला रही है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक उनकी कोशिश होती है इलाके से गायब हर बच्चे को ढूंढ कर उनके परिवार से मिलाया जाए. इसके लिए हर थाने में एक टीम बनाई गई है, जो गायब बच्चों को खोजने की हर संभव कोशिश करती है.
पुलिस की ये टीम प्रोफेशनल तरीके से बच्चों को खोजने की कोशिश करती है. इसके लिए पुलिस सीसीटीवी फुटेज की जांच करती है. आसपास के तमाम रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर नज़र रखती है. जहां से बच्चे गायब होते हैं. वहां पर अपने मुखबिरों से पुलिस जानकारी लेती है, पोस्टर्स छपवाती है, वाट्सएप ग्रुप में फ़ोटो शेयर करती है और अनाउंसमेंट भी कराती है.
इसके अलावा द्वारका डिस्ट्रिक्ट पुलिस अपने इलाकों के उन बच्चों की भी लिस्ट बना रही है जो शेल्टर होम, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और धार्मिक स्थानों पर अकेले रहते हैं और छोटामोटा काम करके, भीख मांग कर गुजर बसर करते हैं. पुलिस ने बताया, उनकी कोशिश है कि इन बच्चों को भी उनके घरवालों से मिलवाया जा सके.