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उत्तराखंडः दवाओं की कालाबाजारी करने पर लगेगा NSA, पुलिस और STF एक्टिव

उत्तराखंड में कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं और ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की जाएगी. राज्य के डीजीपी अशोक कुमार ने इस बात की जानकारी दी है.

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संक्रमण बढ़ते ही दवाओं की कालाबाजारी भी बढ़ गई है. (फाइल फोटो-PTI)
संक्रमण बढ़ते ही दवाओं की कालाबाजारी भी बढ़ गई है. (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • उत्तराखंड के डीजीपी ने दी जानकारी
  • कालाबाजारी पर NSA लगाया जाएगा

देश में एक तरफ कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ रही है, तो दूसरी तरफ कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं और ऑक्सीजन की कालाबाजारी भी बढ़ गई है. ऐसे में दवाओं और ऑक्सीजन की कमी भी बढ़ रही है. इसी समस्या से निपटने के लिए अब उत्तराखंड पुलिस ने कालाबाजारी करने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी NSA के तहत कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है. 

उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान ऑक्सीजन और जीवनरक्षक दवाइयों की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ पुलिस राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा कि कालाबाजारी मानवीय अपराध है और इस समय पर हर किसी को एक दूसरे की सहायता करनी चाहिए. उन्होंने कालाबाजारी करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि पुलिस कालाबाजारी करने वालों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शेगी. अगर कालाबाजारी करने वाले नहीं मानते हैं तो पुलिस उन पर रासुका (NSA) के तहत कार्रवाई करेगी.

डीजीपी ने बताया कि कालाबाजारी रोकने के लिए उत्तराखंड पुलिस की ओर से पुलिस की 158 टीमें और एसटीएफ की 10 टीमें लगाई गई हैं. टीमों की ओर से कालाबाजारी रोकने के लिए लगातार दबिश दी जा रही है. अब तक सभी टीमों ने 787 दबिश दी.

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रासुका या NSA तब लगाया जाता है, जब किसी व्यक्ति से देश की सुरक्षा को खतरा हो या कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका हो.

उत्तराखंड में बीते 24 घंटे में कोरोना के 9,642 नए मामले दर्ज किए गए. वहीं, 137 लोगों की मौत हुई है. राज्य में अब तक 2,29,993 मामले सामने आ चुके हैं और 3,430 लोगों की जान जा चुकी है. यहां अभी एक्टिव केसेस की संख्या 67,691 है.

 

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