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संदेशखाली: पुलिस कैंप पर बदमाशों का हमला, एक कांस्टेबल की हालत गंभीर, TMC नेताओं पर आरोप

वेस्ट बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली इलाके में मंगलवार तड़के एक पुलिस शिविर पर अज्ञात बदमाशों द्वारा हमला किए जाने से एक कांस्टेबल गंभीर रूप से घायल हो गया. घायल पुलिस कांस्टेबल की पहचान संदीप साहा के रूप में हुई है.

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वेस्ट बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली इलाके में एक बार फिर हुई हिंसा...
वेस्ट बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली इलाके में एक बार फिर हुई हिंसा...

वेस्ट बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली इलाके में मंगलवार तड़के एक पुलिस शिविर पर अज्ञात बदमाशों द्वारा हमला किए जाने से एक कांस्टेबल गंभीर रूप से घायल हो गया. घायल पुलिस कांस्टेबल की पहचान संदीप साहा के रूप में हुई है. उसे एक अस्पताल भर्ती कराया गया है, जहां इलाज चल रहा है.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ''बदमाशों के हमले में कांस्टेबल संदीप साहा के सिर में गंभीर चोट लगी है. उनकी हालत इस समय बहुत गंभीर है.'' सितालिया पुलिस शिविर पर हुए जानलेवा हमले के आरोप में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि तीनों तृणमूल कांग्रेस के नेता हैं.

इस मामले में पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए केस भी दर्ज कर लिया है. पुलिस के मुताबिक, सितालिया शिविर में मौजूद दो अन्य पुलिसकर्मियों के साभी मारपीट की गई है, लेकिन उन्हें गंभीर चोटें नहीं आई हैं. शुरुआती जांच से पता चला है कि साहा का कुछ हफ्ते पहले आरोपियों के साथ झगड़ा हुआ था.

पुलिस का कहना है कि हो सकता है कि आपसी विवाद की वजह से आरोपियों ने शिविर पर हमला किया हो. इस दौरान बीच-बचाव करने की वजह से दो अन्य पुलिस कर्मियों के साथ भी मारपीट की गई हो. पुलिस हिरासत में तीनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. घायल पुलिसवालों का बयान भी लिया गया है.

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बताते चलें कि वेस्ट बंगाल में राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में निलंबित टीएमसी नेता शाहजहां शेख के आवास पर छापेमारी करने गए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों की एक टीम पर ग्रामीणों द्वारा हमला किए जाने के बाद से ही संदेशखाली देशभर में सुर्खियों में बना हुआ है. 

उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं के खिलाफ महिलाओं पर यौन अत्याचार और जमीन हड़पने के आरोप लगाए गए थे. इस मामले की पहले स्थानीय पुलिस ने जांच की थी, लेकिन बाद में सीबीआई को ये केस सौंप दिया गया. सीबीआई ने शाहजहां शेख को गिरफ्तार किया है.

शाहजहां शेख की पहचान तृणमूल कांग्रेस के एक ताकतवर और प्रभावशाली नेता के तौर पर है. वो संदेशखाली यूनिट का टीएमसी अध्यक्ष भी रह चुका है. पहली बार वो उस समय चर्चा में आया, जब 5 जनवरी को ईडी की टीम शाहजहां से बंगाल राशन वितरण घोटाला मामले में पूछताछ करने पहुंची थी.

उस समय शाहजहां शेख के गुर्गों ने ईडी की टीम पर हमला कर दिया था. इसके बाद से ईडी ने उसे लगातार समन जारी किया था. इसके बाद संदेशखाली उस समय सुर्खियों में आया, जब वहां की महिलाओं ने शाहजहां शेख पर जमीन हड़पने और उसके गुर्गों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया. 

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इस मामले को लेकर लेफ्ट और बीजेपी पार्टियों ने ममता सरकार के खिलाफ जमकर विरोध किया. संदेशखाली में धारा 144 लगाकर विपक्ष के नेताओं को वहां जाने से रोका गया, हालांकि बीजेपी के नेताओं ने बंगाल से लेकर दिल्ली तक इस मामले को उठाया था. 

इसके बाद ममता सरकार पर दबाव बनाया गया कि संदेशखाली के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए. हालांकि बंगाल पुलिस ने इसके गुर्गों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन शाहजहां शेख पर हाथ डालने से पुलिस डर रही थी. कोलकाता हाई कोर्ट ने जब शाहजहां की गिरफ्तारी का आदेश दिया तो पुलिस ने एक्शन लेते हुए देर रात गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन उसे सीबीआई को नहीं सौंपा गया. हालांकि, बाद में सीबीआई को कस्टडी दे दी गई.

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