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खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के साथी पपलप्रीत को 14 दिन की न्यायिक हिरासत, इस जेल में रहेगा

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के करीबी साथी पपलप्रीत सिंह को आज पंजाब को अजनाला कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. उसे पिछले दिनों असम की डिब्रूगढ़ जेल से पंजाब लाया गया था. उसके बाद तीन दिन की पुलिस रिमांड में रखा गया था.

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 पपलप्रीत सिंह को आज पंजाब को अजनाला कोर्ट में पेश किया गया.
पपलप्रीत सिंह को आज पंजाब को अजनाला कोर्ट में पेश किया गया.

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के करीबी साथी पपलप्रीत सिंह को आज पंजाब को अजनाला कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. उसे पिछले दिनों असम की डिब्रूगढ़ जेल से पंजाब लाया गया था. उसके बाद तीन दिन की पुलिस रिमांड में रखा गया था. आज शुक्रवार को रिमांड खत्म होने के बाद पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया गया. उसे अमृतसर की जेल में रखा जाएगा.

साल 2023 में पपलप्रीत सिंह को अमृतसर रूरल से गिरफ्तार किया गया था. वो अमृतपाल सिंह का सलाहकार रह चुका है. अमृतपाल इसे अपना मेंटर मानता है. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, पपलप्रीत पंजाब में खालिस्तान का माहौल खड़ा करने के लिए आईएसआई के सीधे संपर्क में था. वो राज्य में आतंकवाद फैलाने की साजिश में जुटा हुआ था. वो खुद को वीडियो जर्नलिस्ट और सोशल एक्टिविस्ट बताता रहा है. 

साल 2017 में पपलप्रीत सिंह सिमरनजीत सिंह मान की पार्टी शिरोमणी अकाली दल (अमृतसर) में शामिल हुआ था. लेकिन 9 महीने बाद ही उसने पार्टी छोड़ दी. जांच एजेंसियों को पता चला कि वो एक खालिस्तानी प्रोपेगेंडा वेबसाइट भी चलाता था. जांच में सामने आया कि वो वारिस पंजाब दे संगठन के अस्तित्व में आने से पहले भी पंजाब में सक्रिय रहा है. साल 2015 में उस पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. 

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पपलप्रीत सिंह पर यूएपीए समेत पहले से कई मामले दर्ज हैं. उसे 2015 में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंध होने की वजह से गिरफ्तार किया गया था. उस पर देशद्रोह के तहत भी मामला दर्ज किया गया था. इसके बाद पपलप्रीत को साल 2016 में भी गिरफ्तार किया गया था. उसने साल 2015 में कंप्यूटर साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा और तीन साल का पॉलिटेक्निक डिप्लोमा किया हुआ है. 

जांच एजेंसियों को यह भी पता चला कि पपलप्रीत सिंह ने 2018-19 में अपने आयकर रिटर्न में जो बैंक खाते की जानकारी दी थी, वेरिफिकेशन के दौरान वे फर्जी पाए गए. जांच कर रहे एक अधिकारी ने बताया कि ऐसा कोई बैंक खाता मौजूद नहीं है. दिसंबर 2022 में, आयकर विभाग ने उसको नोटिस भी जारी किया गया था, इसमें उसकी आय के स्रोत, चल और अचल संपत्तियों और बैंक खातों के बारे में जानकारी मांगी गई थी. 

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