टीवी एक्टर आशीष कपूर को बलात्कार के एक मामले में दिल्ली की अदालत से जमानत मिल गई है. अदालत ने साफ कहा कि किसी आरोपी को केवल इस आधार पर जेल में नहीं रखा जा सकता कि पुलिस को आशंका है कि वह भविष्य में ऐसा ही कोई अपराध कर सकता है. हालांकि जमानत के लिए शर्तें भी लगाई गई हैं. अदालत ने निर्देश दिया है कि अभिनेता को अपना मोबाइल फोन और लोकेशन हमेशा ऑन रखना होगा.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश भूपिंदर सिंह ने कपूर की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि अब जांच के लिए आरोपी की उपस्थिति आवश्यक नहीं है. इसलिए उसे सलाखों के पीछे रखने का कोई औचित्य नहीं बनता. अदालत ने अभियोजन पक्ष की उन दलीलों को भी खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि आशीष कपूर जमानत मिलने के बाद शिकायतकर्ता को धमका सकते हैं या फिर देश छोड़कर भाग सकते हैं.
पीड़िता ने अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया था कि घटना के 10 दिन बाद आरोपी ने उससे संपर्क किया. अदालत ने इस पर कहा कि यदि पुलिस को वास्तव में ऐसा खतरा था, तो उन्हें उसी समय कार्रवाई करनी चाहिए थी. अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि मामले के दो अन्य सह-आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है. यदि जोखिम इतना गंभीर होता तो पुलिस को उनकी जमानत को भी चुनौती देनी चाहिए थी.
अदालत ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि घटना के बाद 21 दिनों तक आरोपी को जांच में शामिल होने का कोई नोटिस नहीं भेजा गया. अचानक 30 अगस्त को नोटिस जारी कर तुरंत पेश होने का निर्देश दिया गया और फिर आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम गोवा और पुणे भेजी गई. उनको 2 सितंबर को ही गिरफ्तार कर लिया गया. यदि वो चाहते तो पहले ही फरार हो जाते.
आशीष कपूर ने अग्रिम जमानत की याचिका भी 2 सितंबर को ही दायर की थी, जब पुलिस ने नोटिस जारी किया. अदालत ने कहा कि किसी आरोपी से यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह हर समय घर पर मौजूद रहे और लगातार इस आशंका में बैठे रहें कि पुलिस किसी भी वक्त आ सकती है. अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि आरोपी से तीन दिनों तक पुलिस हिरासत में पूछताछ की गई, लेकिन कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगा.
अदालत ने टिप्पणी की कि पुलिस ने न तो आरोपी का मोबाइल फोन बरामद करने का गंभीर प्रयास किया और न ही तलाशी ली गई. अदालत ने यह भी कहा कि ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया जिससे यह संकेत मिले कि आरोपी ने जांच में सहयोग नहीं किया. अदालत ने साफ किया कि आरोपी के खिलाफ किसी भी पूर्व आपराधिक संलिप्तता का रिकॉर्ड मौजूद नहीं है. जांच में समय लगेगा, ऐसे में आरोपी जेल में रखना उचित नहीं है.
दिल्ली के सिविल लाइंस थाने में 9 अगस्त की एक घटना को लेकर आशीष कपूर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया था. अदालत ने सभी परिस्थितियों और साक्ष्यों को देखते हुए जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया.