झारखंड के हजारीबाग में जून 2016 में कोर्ट परिसर में दिनदहाड़े गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव की गोलियों से भून कर हत्या कर दी गई थी. बदमाश AK-47 से हत्याकांड को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो गए थे. अब इस मामले में कोर्ट ने पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दी है.
बहुचर्चित गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव हत्याकांड में हजारीबाग व्यवहार न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए 5 लोगों को दोषी करार दिया. अब इन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. वहीं एक आरोपी शंभूनाथ तिवारी को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है. इस मामले में शामिल फिलहाल एक अन्य आरोपी दीपक साहू फरार है.
सुशील श्रीवास्तव हत्याकांड में राहुल देव पांडे, विकास तिवारी, संतोष पांडे, विशाल सिंह, शंभू नाथ तिवारी, दिलीप साहू और दीपक साहू के खिलाफ कोर्ट में ट्रायल चल रहा था. इस मामले में 42 लोगों ने गवाही दी थी. आरोपी विकास तिवारी, संतोष पांडे और राहुल देव पांडे पुलिस कस्टडी में था. वहीं, विशाल सिंह और दिलीप साहू ने पुलिस के सामने सरेंडर किया था.
कोर्ट परिसर में हुआ था हमला
2 जून 2016 को सुशील श्रीवास्तव को हजारीबाग जेल से पेशी के लिए हजारीबाग व्यवहार न्यायालय लाया गया था. कोर्ट परिसर में उसके ऊपर एके-47 और अन्य हथियार से तोबड़तोड़ फायरिंग की गई थी. इस हमले में श्रीवास्तव समेत तीन लोगों को गोली लगी थी. सभी की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.
यह ऐसा पहला मामला था जब कोर्ट परिसर के अंदर किसी पर गैंगवार हुआ हो. सुनवाई के दौरान हजारीबाग व्यवहार न्यायालय और उसके आस-पास सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे.
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