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धोखाधड़ी का नया तरीका, नारकोटिक्स विभाग का अफसर बन यूं चूना लगा रहे हैं साइबर ठग

आधुनिक होती तकनीक के साथ साइबर ठग नए-नए तरीकों से लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. महाराष्ट्र के ठाणे जिले में नारकोटिक्स विभाग का अफसर बन कर एक साइबर ठग ने एक शख्स से 1.75 लाख रुप लूट लिए. इस मामले में साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई गई है.

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साइबर ठग नए-नए तरीकों से लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं.
साइबर ठग नए-नए तरीकों से लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं.

आधुनिक होती तकनीक के साथ साइबर ठग नए-नए तरीकों से लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. महाराष्ट्र के ठाणे जिले में नारकोटिक्स विभाग का अफसर बन कर एक साइबर ठग ने एक शख्स से 1.75 लाख रुप लूट लिए. इस मामले में साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई गई है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

जानकारी के मुताबिक, ठाणे के अंबरनाथ थाना क्षेत्र में रहने वाले 33 वर्षीय एक व्यक्ति के पास 21 मई को कॉल आई. कॉलर ने उससे कहा कि उसने ईरान जो पार्सल भेजा था, उसे सीमा शुल्क अधिकारियों ने जब्त कर लिया है. इसमें लैपटॉप, पेन ड्राइव, कपड़े और चार ईरानी पासपोर्ट के अलावा ड्रग्स मिला है.

उसने आगे कहा कि उसके पार्सल के लिए 96 हजार रुपए का भुगतान पहले ही किया जा चुका है. पार्सल कूरियर कंपनी को वापस कर दिया गया है. इसके बाद पीड़ित ने कॉलर को बताया कि उसनेऐसा कोई पार्सल नहीं भेजा है. उसे न तो इस तरह के किसी पार्सल की जानकारी है, तो कॉलर ने अपनी बात बदल दी.

इसके बाद उसने पीड़ित से कहा कि वो साइबर सेल में संपर्क करे और अपनी आईडी के दुरुपयोग की शिकायत दर्ज कराए. इसके बाद कॉलर ने पीड़ित को भरोसा दिलाने के लिए स्काइप के जरिए वीडियो कॉल किया. उसे अपनी आईडी दिखाई और दावा किया कि वो नारकोटिक्स विभाग में अफसर है.

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उसने पीड़ित को धमकाते हुए कहा कि उसके खिलाफ गुजरात, पश्चिम बंगाल और मुंबई में मनी लॉन्ड्रिंग की कई शिकायतें दर्ज की गई हैं. उसका नाम इस तरह के अपराध के लिए पहले गिरफ्तार किए गए एक व्यक्ति से भी जुड़ा है. उसके सभी बैंक खाते अधिकारियों द्वारा ब्लॉक कर दिए गए हैं.

इतना सुनने के बाद पीड़ित डर गया. उसके डर का फायद उठाकर साइबर ठग ने उससे कहा कि वो आरबीआई के अधिकारियों से बात करके उसके बैंक खाते चालू करवा सकता है. इसके लिए उसने बैंक डिटेल मांगी, जिसके बाद उसने उसके खाते से 1.75 लाख रुपये निकाल लिए. 

बैंक अकाउंट से पैसे निकलने के बाद साइबर ठग गायब हो गया. उसके मोबाइल नंबर पर दोबारा संपर्क करने पर बात नहीं हो पाई. तब जाकर पीड़ित को लगा कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है. उसने अंबरनाथ थाना में इस बाबत शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.

बताते चलें कि साइबर क्राइम को रोकने के लिए महाराष्ट्र पुलिस कई अभियान चला रही है. इसी क्रम में मुंबई पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर 1930 की मदद से कई लोगों को ठगी का शिकार बनने से बचाया है. साइबर पुलिस राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) के जरिए ऐसा कर पा रही है.

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एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराने के बाद एक व्यक्ति से साइबर जालसाज द्वारा वसूले गए लगभग 40 लाख रुपए रिकवर कर लिए गए. एक निजी फर्म के कर्मचारी के एक व्यक्ति ने फोन करके खुद को कानून प्रवर्तन अधिकारी होने का दावा किया.

इसके बाद धमकी देकर उससे 40 लाख रुपये ऐंठ लिए. इसके बाद पीड़ित ने तुरंत मुंबई पुलिस की साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क किया और अपने साथ हुई ठगी के बारे में जानकारी दी. पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए एनसीआरपी पोर्टल को सतर्क कर दिया.

इसके बाद साइबर ठग के बैंक खाते के नोडल अधिकारी से बात कर ट्रांसफर हुए रुपए को फ्रीज कर दिया गया. राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल एक नेशनल हेल्पलाइन सेंटर है, जिसके जरिए साइबर ठगी के दौरान ट्रांसफर किए गए पैसों को फ्रीज करने के बाद रिकवर किया जा सकता है.

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