गाजियाबाद में 27-28 जनवरी की दरमियानी रात एक तेज रफ्तार ऑडी कार ने एक ऑटो को उड़ा दिया था. इस हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस के हाथ अभी भी खाली है. पुलिस अभी तक ऑडी कार के मालिक डॉक्टर मनीष रावत से पूछताछ तक नहीं कर सकी है.
उस रात ऑडी कार और ऑटो की टक्कर के बाद ऑडी कार में सवार आरोपी एक वैगन-आर कार की मदद से वहां से निकल गए थे. इस हादसे में चार लोगों की मौत हो गई थी. घटना के करीब एक हफ्ते बाद भी पुलिस अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. दरअसल सफदरजंग अस्पताल के न्यूरोसर्जन और ऑडी कार के मालिक मनीष रावत घटना के अगले दिन से 4 फरवरी तक छुट्टी पर चले गए थे.
वहीं इशाक नाम का शख्स इस मामले में कोर्ट में सरेंडर करता है और अपने वकील के जरिए जमानत करवाकर गायब हो जाता है. गाजियाबाद के एसएसपी दीपक कुमार ने इस बारे में कहा कि पुलिस ने डॉक्टर मनीष रावत को नोटिस जारी करते हुए जांच में शामिल होने को कहा है. एसएसपी ने आगे कहा कि फिलहाल पुलिस डॉक्टर मनीष रावत की तलाश में जुटी है.
गौरतलब है कि पुलिस की हीला-हवाली से उनकी कार्यशैली पर कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. क्या डॉक्टर मनीष रावत अपने रसूख के चलते पुलिस को गुमराह कर रहा है. हादसे के वक्त ऑडी कार कौन चला रहा था और कार में और कितने लोग बैठे हुए थे. घटना के बाद से अब तक डॉक्टर मनीष ने अपना फोन क्यों बंद रखा हुआ है. बहरहाल गाजियाबाद पुलिस इस मामले में मृतक के परिजनों को निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दे रही है.