बुधवार को अदालतों का ट्विस्ट हम सबने देखा. पहले सेशंस कोर्ट का फैसला.. सलमान को पांच साल की सजा . फिर कुछ घंटे बाद बॉम्बे हाईकोर्ट का जमानत की शक्ल में सलमान को राहत, पर ये जमानत ये राहत बस आज रात भर के लिए है. शुक्रवार को अदालत नए सिरे से सलमान पर फैसला सुनाएगा. आखिर क्या-क्या हो सकता है शुक्रवार को अदालत में.. आइए आपको बताता हूं.
बॉम्बे हाईकोर्ट में शुक्रवार को जमानत पर सुनवाई के दौरान सलमान खान का कोर्ट में रहना जरूरी नहीं है. उम्मीद यही है कि वो बांद्रा के अपने इसी गैलेक्सी अपार्टमेंट में बैठ कर धड़कते दिलों से कोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे. अब अगर बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत की खबर आती है, तो फिर सलमान बांद्रा के अपने इसी घर में चैन की नींद सो सकते हैं. लेकिन कहीं फैसला खिलाफ आया तो बुधवार की तरह शुक्रवार को एक बार फिर सलमान को सेशंस कोर्ट का रुख करना होगा. वहां जाकर उन्हें खुद को सरेंडर करना होगा. और फिर सेशंस कोर्ट से पुलिस हिरासत में उन्हें आर्थर रोड जेल जाना होगा. और इस तरह शुक्रवार को ये चारों ही जगह सलमान के लिए खास होंगी.
अब सबसे बड़ा सवाल ये कि आखिर शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में क्या होगा या क्या-क्या हो सकता है? तो इसे समझने के लिए पहले ये समझ लीजिए कि शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने सलमान खान को दो दिन की जो जमानत दी है वो अंतरिम जमानत है. और ये अंतरिम जमानत इसलिए दी गई क्योंकि सेशंस कोर्ट के फैसले की कॉपी सलमान को नहीं मिली थी. दरअसल सेशंस कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने या जमानत पाने के लिए जरूरी है कि फैसले की कॉपी आपके पास हो.
अब फैसले की कॉपी सलमान के वकील को मिल चुकी है. खुद जज देशपांडे ने ये कॉपी सलमान के वकील को दी है. लिहाजा अब ऐसी सूरत में शुक्रवार को अदालत में तीन चीजें हो सकती हैं. पहली, हाईकोर्ट सलमान की अपील को मंजूर करते हुए उनकी जमानत की मियाद बढ़ा कर केस की सुनवाई की अगली कोई तारीख दे सकती है. पर ये तारीख गर्मी की छुट्टी के बाद की ही होगी. अदालत में गर्मी की छुट्टी 9 मई से शुरू हो रही है और 7 जून तक छुट्टी रहेगी. यानी ऐसी सूरत में फिर जून के पहले हफ्ते तक केस की कोई सुनवाई नहीं होगी.
दूसरी, कोर्ट सलमान की जमानत की अपील को खारिज कर दे. ऐसी सूरत में सलमान को फैसले के फौरन बाद सेशंस कोर्ट में जाकर सरेंडर करना होगा और फिर जेल जाना होगा. और तीसरी ये कि सलमान के वकील अदालत में ये दलील दें कि फैसले की कॉपी उन्हें देर से मिली है लिहाजा उन्हें पढ़ने का वक्त दिया जाए ताकि वो केस ढंग से तैयार कर सकें. ऐसी सूरत में भी अदालत को लगे तो वो सलमान को अगली तारीख देकर जमानत की मियाद बढ़ा सकती है.
सलमान की तरफ से शुक्रवार को भी बॉम्बे हाईकोर्ट में जाने-माने वकील हरीश साल्वे पैरवी करेंगे. सूत्रों के मुताबिक अगर बॉम्बे हाई कोर्ट शुक्रवार को सलमान की जमानत अर्जी खारिज कर देती है तो वकीलों की एक टीम उसी वक्त सुप्रीम कोर्ट में भी जाने की तैयारी कर चुकी हैं.
वैसे ये बॉम्बे हाईकोर्ट ही है जिसने 2003 में सलमान खान को इसी हिट एंड रन केस में एक बड़ी राहत दी थी. निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए सलमान के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा हटा कर, अब 12 साल बाद उसी बॉम्बे हाई कोर्ट में एक बार फिर सलमान की किस्मत का फैसला होना है.