पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड के आरोपी सुशील कुमार की कई नामी-गिरामी गैंगस्टर्स के साथ दोस्ती सामने आई है. उनकी दोस्ती सिर्फ गैंगस्टर नीरज बवाना से ही नहीं थी बल्कि काला जठेड़ी के भाई से भी उनके अच्छे संबंध थे. उनकी तस्वीरें भी सामने आई हैं. ये सब सामने आने के बाद सवाल उठता है कि आखिर ओलंपिक में मेडल जीतने वाले सुशील कुमार की दोस्ती इन गैंगस्टर्स से कैसे हुई? ये जानने के लिए हमें थोड़ा पीछे जाना होगा.
जानकारी के मुताबिक 3 से 4 साल पहले सुशील कुमार को दिल्ली के कई टोल प्लाजा, जैसे- लाड़पुर, औचन्दी बॉर्डर, कुतुबगढ़, नाहरा आदि टोल का ठेका मिला था. इन ठेके पर टोल टैक्स वसूली के लिए सुशील ने उन पहलवानों को नौकरी पर रखना शुरू किया जिनके संबंध गैंगस्टर के साथ थे. तभी से सुशील गैंगस्टर के संपर्क में आया था. इतना ही नहीं, इलाके में दबंग का रुतबा रखने के लिए भी सुशील गैंगस्टर के साथ उठते-बैठते और फोटो खिंचवाते थे.
क्या हुआ था वारदात वाली रात?
इस केस के दो महत्वपूर्ण आरोपी प्रवीण चोटी और बिजेंद्र उर्फ बिंदर अब भी फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. बिंदर लाइसेंसिंग पिस्टल लेकर आया था. घटना वाले दिन सुशील के साथी अजय ने फोन कर नीरज बवाना और काला असौड़ा गैंग के गुर्गों को बुलाया था. 7 लड़के आये थे. जिसमें पांच पकड़े गए हैं.
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पुलिस पूछताछ में चारों आरोपी भूपेंद्र, मंजीत, गुलाब और मोहित ने बताया कि जब वो लोग छात्रसाल स्टेडियम पहुंचे तो वहां सुशील के कुछ और पहलवान रविन्द्र उर्फ भिंडा को पीट रहे थे. मार-पीट स्टेडियम के अंदर हो रही थी और उससे सागर का पता पूछ रहे थे. रविन्द्र मार खा रहा था लेकिन सागर का पता नहीं बता रहा था.
इसी बीच रविन्द्र के फोन पर किसी का फोन आया. फोन सुशील के साथी अजय ने उठाया. उसके बाद सभी लोग चिल्लाने लगे कि पता मिल गया. उसके बाद ब्रेजा कार में तीन बदमाश मंजीत, भूपेंद्र और प्रवीण चोटी मॉडल टाउन पहुंचे. यहां सागर का किराए वाला घर था. ये लोग रात 12 से 1 बजे के बीच यहां पहुंचे.
सुशील और अजय होंडा सिटी कार से गए. सुशील नीचे अपनी गाड़ी में बैठा रहा. तीनों बदमाश सागर के घर पर गेट तोड़ते हुए पहुंचे. सागर के घर तीन लोग मौजूद थे. सागर, सोनू महाल और अमित. ये तीनों ताश खेल रहे थे. सुशील के भेजे गए बदमाशों ने सोनू महाल की खूब पिटाई की और फिर सागर को पीटते हुए सुशील के पास ले आए.
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फिर सागर को कार में बैठाकर छत्रसाल स्टेडियम लेकर पहुंचे. स्टेडियम के अंदर ले जाकर डंडे और हॉकी स्टिक से पिटाई की गई. सभी लोग घेरकर पिटाई कर रहे थे. सबसे ज्यादा पिटाई प्रवीण चोटी और मोहित कर रहे थे. बाकी लोग बारी-बारी से आकर पिटाई कर रहे थे.
इसी बीच रविन्द्र वहां से निकल गया और 100 नंबर पर कॉल किया. तब मौके पर पुलिस पहुंची. जब पुलिस छत्रसाल स्टेडियम पहुंची तो स्टेडियम का गेट बंद था. पुलिस को अंदर जाने में 15 मिनट का वक्त लगा. पुलिस के सायरन की आवाज के बाद गेट खुला. इस बीच सभी फरार हो गए. लेकिन एक आरोपी प्रिंस मौके से पकड़ा गया, जिसके पास पिस्टल भी थी. सोनू महाल, सागर और अमित घायल मिले. जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और सागर की मौत इलाज के दौरान अस्पताल में हो गई.