राजस्थान के बहुचर्चित 35 साल पुराने राजा मानसिंह हत्याकांड में आज यानी मंगलवार को फैसला आ सकता है. भरतपुर रियासत के राजा मानसिंह और दो अन्य लोगों की 21 फरवरी 1985 को पुलिस से आमने सामने की गोलीबारी में मौत हो गई थी.
इससे एक दिन पहले राजा ने डीग में राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर के सभामंच और हेलिकॉप्टर को जोंगा जीप की टक्कर से तहस-नहस कर दिया था. राजा मानसिंह के दामाद विजय सिंह ने पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. जयपुर सीबीआई कोर्ट में 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई.
मामले की सुनवाई मथुरा में हो रही है
वादी पक्ष के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से मुकदमे को राजस्थान से बाहर स्थानांतरित करने की अपील की थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमा जिला एवं सत्र न्यायाधीश मथुरा में स्थानांतरित कर दिया था. अब इस मामले की सुनवाई मथुरा में हो रही है और यहीं सीबीआई कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है.
मामला साल 1985 का है. राजस्थान में चुनावी माहौल था और राजा मानसिंह डीग क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे थे. सीएम की जनसभा होनी थी और कांग्रेस के प्रत्याशी के समर्थन में झंडा डीग स्थित किले पर लगा दिया गया था.
यह बात राजा मानसिंह को नागरवार गुजरी और उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया था. इसके बाद मानसिंह जीप लेकर लाल कुंडा कार्यालय से डीग थाने के सामने से निकले थे. इस दौरान पुलिस ने उन्हें घेर लिया था. पुलिस और मानसिंह के बीच ताबड़तोड़ फायरिंग हुई, जिसमें राजा मान सिंह, सुम्मेर सिंह और हरी सिंह की मौत हो गई थी.