Social Media Influencer Murder Case: सोशल मीडिया पर संसेशन बनना भी कोई आसान काम नहीं है. पता नहीं आपका कौन सा कंटेंट कब किसी को नाराज कर दे. किसी को पसंद ना आए और बात आप की जान पर आ जाए. पंजाब के बठिंडा में एक सोशल मीडिया स्टार की लाश एक कार के अंदर मिली. पुलिस ने जब इस मामले की तफ्तीश की तो एक सनसनीखेज खुलासा किया. पता चला कि उसका कत्ल इसलिए किया गया, क्योंकि सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया उसका कुछ कंटेंट किसी को पसंद नहीं आया था. कुछ ऐसी ही एक कहानी हरियाणा से भी सामने आई है.
पंजाब के बठिंडा से लेकर हरियाणा के पानीपत तक 295 किलोमीटर के दायरे में फैली इन दो डेथ मिस्ट्रीज ने इस वक्त इन दोनों राज्यों के दहला दिया है. तो आइए बैक टू बैक सामने आई इन दोनों रहस्यमयी कहानियों का सच जानने की सिलसिलेवार कोशिश करते हैं. सीसीटीवी की कुछ तस्वीरें बठिंडा के आदेश अस्पताल की पार्किंग से सामने आई, जहां 10 जून की सुबह करीब साढ़े पांच बजे एक हुंडै इओन कार आकर रुकती है. कार से एक सिख नौजवान बाहर निकलता है और फिर कार वहीं छोड़ कर आगे निकल जाता है.
तब तो किसी को इन तस्वीरों में भी कुछ हैरान करने वाला नजर नहीं आता, लेकिन जब कुछ घंटों बाद इस कार से बदबू आने लगती है, तो लोगों का ध्यान इस ओर जाता है. और फिर सामने आती है एक भयानक कहानी. असल में इस कार में एक लाश पड़ी थी, एक लड़की की लाश. और लड़की भी कोई मामूली नहीं बल्कि पंजाब की एक ऐसी सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर जिसके इंस्टाग्राम पर 4 लाख से भी ज्यादा फॉलोअर्स हैं. नाम था कंचन कुमारी उर्फ कमल कौर भाभी.
कमल कौर भाभी मूल रूप से लुधियाना की रहने वाली थी, लेकिन उसके चाहने वाले सिर्फ लुधियाना नहीं बल्कि पंजाब से होते हुए विदेशों तक में छाए हुए थे. जल्द ही पुलिस मौके पर पहुंचती है, लाश बरामद करती है और पता चलता है कि मामला कत्ल का है. असल में जब बठिंडा पुलिस ने कमल कौर की डेड बॉ़डी का पोस्टमार्टम करवाया, तो गले में स्टैंगुलेशन मार्क नजर आए, जो इस बात की निशानी थी कि कमल कौर की हत्या गला घोंट कर की गई. लेकिन अब सवाल ये था कि आखिर उसकी हत्या किसने की और क्यों? लाश को कार समेत पार्किंग में छोड़ने वाला शख्स आखिर कौन था? एक हैरानी की बात तो ये भी थी कि जब पार्किंग में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे, तो फिर ऐसी जगह पर कार छोड़ने के पीछे कातिल का मकसद क्या हो सकता था?
जांच आगे बढ़ती है तो पता चलता है कि कमल कौर भाभी को उसके घर से एक प्रोडक्ट प्रोमोशन के लिए 9 जून को अमृतपाल सिंह मेहरों नाम का एक शख्स अपने साथ बठिंडा लेकर गया था. ये शख्स मूल रूप से मोगा का रहने वाला था, लेकिन पिछले कई महीनों से कंचन कुमारी उर्फ कमल कौर के टच में था. उसने कमल कौर को प्रमोशन एसाइनमेंट के नाम पर उसके घर से पिक किया और अपने साथ लेकर बठिंडा के लिए निकला. लेकिन इस मामले में तब खतरनाक ट्विस्ट ले लिया, जब कमल कौर भाभी को ले जाने के कुछ घंटों के बाद उसका मोबाइल फोन स्विच्ड ऑफ हो गया.
यानी अब इस केस में पुलिस के पास दो-दो सुराग थे. एक सुराग उस शख्स का नाम के तौर पर, जो कमल कौर को उसके घर से लेकर गया था और दूसरा सीसीटीवी कैमरे में कैद एक तस्वीर के तौर पर. अब एक साथ पुलिस की कई टीमों ने इस केस पर काम शुरू किया. एक टीम अमृतपाल सिंह मेहरों की तलाश करने लगी, जबकि दूसरी टीम बठिंडा में सीसीटीवी कैमरे में कैद होने वाले शख्स को ढूंढने लगी. लेकिन बठिंडा पुलिस को तब निराशा हाथ लगी जब उसे पता चला कि अमृतपाल सिंह मेहरों उसी रोज अमृतसर के रास्ते देश से बाहर भाग चुका है, जिस रोज उसने कमल कौर को अगवा कर उसकी जान ली गई थी. ये पुलिस के लिए किसी झटके से कम नहीं था.
लेकिन बाकी के दो आरोपियों तक पुलिस पहुंचने में कामयाब रही. ये वो लोग थे, जिन्होंने अमृतपाल सिंह के साथ मिलकर कमल कौर का कत्ल किया था. जसप्रीत सिंह और निमरतजीत सिंह नाम के इन लोगों ने अमृतपाल के साथ मिलकर पहले धोखे से कमल कौर को अगवा किया और फिर उसी की कार में उसकी गला घोंट कर हत्या करने के बाद लाश बठिंडा की इस कार पार्किंग में छोड़ कर फरार हो गए. खास बात ये थी कि कमल कौर की हत्या करने वाले ये तीनों के तीनों लड़के निहंग सिख थे. अब सवाल ये है कि आखिर इन तीनों की एक सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर से ऐसी क्या दुश्मनी थी?
तो इसके पीछे नफरत और मोरल पुलिसिंग की हैरान करने वाली कहानी सामने आई. दरअसल, कंचन कुमारी, कमल कौर भाभी के नाम से सोशल मीडिया पर अपने वीडियोज अपलोड किया करती थी, जो थोड़े बोल्ड और द्विअर्थी हुआ करते थे. और इन निहंग सिखों को इस बात पर घनघोर ऐतराज था. उन्हें लगता था कि कमल कौर इस तरह नौजवानों के बीच पंथ की गलत छवि पेश कर रही है, जिसके चलते तीनों ने मिल कर उसकी हत्या कर दी.
पुलिस की मानें तो अमृतपाल सिंह इस कत्ल का मास्टरमाइंड है, जिसने ये साजिश तीन महीने पहले ही रची थी. इस साजिश में उसने अपने दो गुर्गों को शामिल किया और कत्ल के बाद खुद को उसी दिन अमृतसर के रास्ते फ्लाइट लेकर यूएई निकल गया, जबकि अपने दो साथियों को यहीं भारत में छोड़ गया, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल, पुलिस ने अमृतपाल सिंह मेहरों के नाम पर भी लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है, लेकिन हिंदुस्तान से बाहर जा चुका मास्टरमाइंड कब तक गिरफ्तार होगा, ये फिलहाल कोई नहीं जानता.
वैसे कहानी सिर्फ इतनी नहीं है. कत्ल की जांच कर रही बठिंडा पुलिस को अमृतपाल सिंह मेहरों के बारे में जो जानकारियां पता चली हैं, वो भी कम चौंकाने वाली नहीं है. पुलिस की मानें तो अमृतपाल सिंह पहले मुस्लिम हुआ करता था, लेकिन बाद में उसने सिख धर्म ग्रहण कर लिया, लेकिन इसके बाद वो धर्म के नाम पर कट्टरपंथ के रास्ते पर चल पड़ा और मोरल पुलिसिंग की शुरुआत कर दी.
फिलहाल, भले ही कमल कौर भाभी के कत्ल में उसका नाम सामने आया हो, लेकिन उस पर पंजाब में ही ऐसी ही दो और सोशल मीडिया इ्नफ्लुएंसर को धमकाने का इल्जाम है. वो शिरोमणि अकाली दल मान के टिकट पर विधान सभा चुनाव भी लड़ चुका है. मेहरों के मिजाज को आप इसी से समझिए कि उसकी करतूतों को पाकिस्तान का गैंगस्टर शहजाद भट्टी भी सही ठहराता है. इस बार जो उस पर कमल कौर भाभी के कत्ल का इल्जाम लगा है, भट्टी ने इस मामले में भी मेहरों को सही बताया है.
शीतल चौधरी की डेथ मिस्ट्री
अब आइए दूसरी मिस्ट्री का सच जानते हैं. जिसका ताल्लुक हरियाणा के पानीपत है.. पानीपत की रहने वाली शीतल उर्फ सिम्मी चौधरी भी सोशल मीडिया में काफी फेमस थी.. असल में वो हरियाणा की एक ऐसी म्यूजिक वीडियो आर्टिस्ट थी और मॉडलिंग भी करती थी, जिसकी फैन फॉलोइंग लाखों में थी.. लेकिन 14 जून की रात को वो एकाएक कहीं गायब हो गई.
हुआ यूं कि शीतल इस रोज एक म्यूजिक वीडियो की शूट के सिलसिले में घर से बाहर निकली थी, लेकिन स्टूडियो से उसे उसके ब्वॉयफ्रेंड सुनील ने पिक कर लिया था. इत्तेफाक से उस रात को शीतल और सुनील की आपस में काफी लड़ाई भी हुई थी और शीतल ने खुद वीडियो कॉल पर इसकी शिकायत अपनी बहन से की थी. शीतल के गायब हो जाने पर बहन ने इस मामले की शिकायत पुलिस से की और इस तरह केस में पुलिस की एंट्री हुई.
अब पानीपत पुलिस ने शीतल और सुनील की तलाश चालू की, तो कहानी एकाएक पलट गई. पुलिस ने पाया कि सुनील की लाश पानीपत नहर के पानी में समाई हुई है. वो कार जिसमें सवार होकर बीती रात शीतल और सुनील स्टूडियो से निकले थे. पुलिस ने जब तफ्तीश की, तो पता चला कि सुनील एक अस्पताल में भर्ती है, जबकि शीतल का कोई अता-पता नहीं है.
इस बीच पुलिस ने सुनील की कार भी पानी से बाहर निकाली और सुनील से पूछताछ भी की. यकीनन ये मामला बेहद रहस्यमयी था. सुनील इसलिए हादसा बता रहा था, लेकिन कार में खून के धब्बे मिले थे, जो कुछ और ईशारा कर रहे थे. लेकिन जब चंद घंटे बाद उसी नहर में पानीपत से दूर सोनीपत में एक लड़की की लाश बरामद हुई, तो कहानी की सच्चाई सामने आई. लाश के गले पर तेज धार हथियार के निशान थे. ये लाश शीतल उर्फ सिम्मी चौधरी की ही थी, जिसकी पहचान उसके सीने और बांह पर बने टैटू से हो गई.
अब पुलिस शीतल के ब्वॉयफ्रेंड सुनील को हिरासत में ले चुकी थी और वो अपने जुर्म कबूलने में लगा था. शादीशुदा सुनील शीतल को चार सालों से जानता था, लेकिन अब शीतल कथित तौर पर किसी और लड़के से भी बात करने लगी थी, जिसे लेकर दोनों के बीच विवाद होता था. इत्तेफाक से 14 जून को जब सुनील ने शीतल को पिक किया, तब भी उस लड़के का फोन आ गया, जिससे गुस्सा कर सुनील ने शीतल की जान ले ली और सबूत मिटाने के लिए लाश नहर में फेंक दी.
(बठिंडा से कुणाल बंसल और सोनीपत से प्रदीप रेडू के साथ हिमांशु मिश्र का इनपुट)