ये खबर हर उन मां-बाप के लिए है जिनके बच्चे स्कूल मे पढ़ते हैं. ये खबर उन मां-बाप के लिए भी है जिन्हें पता ही नहीं होता कि घर से निकलने के बाद उनके बच्चे कहां जा रहे हैं या क्या कर रहे हैं? दिल्ली के कुछ बड़े स्कूलों के करीब 100 बच्चे संडे को एक पार्टी रखते हैं. वो भी एक पब में. अब उस पार्टी में क्या-क्या होता है ये तो आप इस पार्टी का थीम देखते ही अंदाजा लगा लेंगे. पार्टी का थीम था-सेक्स एंड स्मोक.
गुड़गांव के सिटी सेंटर का मशहूर पब बज़्ज़ इन. पब के अंदर स्कूल के लड़के-लड़कियों की टोली और करंट नंबर्स पर थिरकते उनके कदम. कायदे-कानूनों से दूर चारदिवारी के अंदर नाबालिग हाथों में छलकते जाम और हवा में घुलता फ्लेवर्ड हुक्के के धुएं का गुबार. सेक्स एंड स्मोक की थीम पर पर धीरे-धीरे जवां होती रात और फिर पार्टी के बाद मस्ती का पूरा इंतजाम. लेकिन इससे पहले कि ये पार्टी पूरी तरह जवां होती, इसमें पुलिस की एंट्री हो गई. अब पब में म्यूज़िक और मस्ती की जगह खामोशी थी. कुछ देर पहले तक थिरकते कदम अब थम चुके थे.
पार्टी में जो, जहां और जिस हाल में था. उसे वहीं रुकने का हुक्म मिला और फिर यहां मौजूद सभी के सभी पार्टी गोअर्स की मस्ती जैसे एक ही झटके में हवा हो गई. धुएं के छल्लों के साथ कानून की धज्जियां उड़ाने वालों पर कानून भारी पड़ने लगा. फिर देखते ही देखते पुलिस ने पब को सील कर दिया. लेकिन बंद कमरे के अंदर हो रही पार्टी की तस्वीरें आम होने पर बदनामी का ख़तरा कम न था. लिहाजा, जिससे जैसे बन पड़ा, उसने अपना चेहरा छिपाना शुरू कर दिया.
ख़ास बात ये थी कि इस पार्टी में बड़े कम और बच्चे यानी नाबालिग लड़के-लड़कियां ज्यादा थे. लिहाजा पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने की बजाय उनके घरवालों को बुलाने का फैसला किया. लेकिन इसके बाद जो कुछ हुआ उसकी उम्मीद शायद किसी को नहीं थी. पहले मिली डांट, फिर मिले धक्के और तब शुरू हुआ चांटों और तमाचों का दौर. दरअसल, पुलिस की शिकायत पर यहां पहुंचे इन लड़के-लड़कियों के घरवालों ने जब अपने बच्चों को इस हाल में देखा, तो उनमें से ज्यादातर अपने गुस्से पर काबू नहीं रख सके.
अब बारी थी पार्टी आर्गेनाइजर्स से जवाब तलबी की. जब पूछताछ हुई, तो एक और चौंकानेवाली बात पता चली. साफ हुआ कि ये पार्टी एक सोशल नेटर्वकिंग साइट पर सेक्स एंड स्मोक के नाम से खुद इन लड़के-लड़कियों ने फिक्स की थी. और कायदे-कानूनों को धुएं में उड़ाने की जगह मिली, इसी बज़्ज़ इन पब में.
पार्टी सेक्स और स्मोक की और पार्टी करने वाले सभी स्कूली बच्चे. खुद गुड़गांव पुलिस के लिए भी ऐसी पार्टी का गवाह बनना एक नई बात थी. लिहाजा, पुलिस ने इन स्कूली बच्चों को जेल भेजने की बजाय उनके घरवालों को उसी जगह बुलवाने का फैसला किया. फैसला अच्छा था. पर इसके बाद जो हुआ, उसके बारे में खुद पुलिस ने भी नहीं सोचा था.
गुड़गांव के इस पब में म्यूजिक और मस्ती तो रोज की बात है. लेकिन रविवार की दोपहर को यहां अचानक पुलिस के आ जाने के बाद इसकी जो कहानी सामने आई, उसने सिर्फ आस-पास के लोगों का ही नहीं, बल्कि पूरे दिल्ली एनसीआर का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. क्योंकि इस रोज इस पब में चल रही पार्टी कोई मामूली पार्टी नहीं थी. बल्कि ये पार्टी थी सेक्स एंड स्मोक की.
अंग्रेज़ी के इन दो लफ्जों का सीधे-सीधे अनुवाद करें तो मतलब निकलता है, यौन संबंध और धुएं का. और सितम देखिए कि सेक्स और स्मोक की ये पार्टी करने वाले लोग कोई बालिग और समझदार नहीं, बल्कि वो स्कूली बच्चे थे, जो घरों से निकले तो थे पढ़ाई-लिखाई के बहाने, लेकिन पहुंच गए इस पब के अंदर, उस मज़े की तलाश में जिसके बारे में सोचना भी शायद खुद उनके घरवालों के लिए नामुमकिन था.
भरी दोपहर को चल रही इस पार्टी में शामिल नाबालिग लड़के-लड़कियां ना सिर्फ बेतकल्लुफी से हुक्के के धुएं का छल्ला बना रहे थे, बल्कि दुनियादारी और कायदे-कानूनों से बेफिक्र शराब पीने-पिलाने का दौर भी पूरे शबाब पर था. खास बात ये थी कि सेक्स एंड स्मोक की थीम पर रखी गई इस पार्टी में लड़कियों की तादाद भी कम नहीं थी. यानी ये पार्टी सिर्फ इस पब तक सीमित नहीं थी, बल्कि पब में ड्रिंक्स और डांस के बाद पार्टी में शामिल लड़के-लड़कियां अपने-अपने पार्टनर के साथ अपने-अपने ठिकाने पर जाने के लिए आजाद थे.
लेकिन इससे पहले कि सेक्स एंड स्मोक का ये थीम पूरा हो पाता, पार्टी में पुलिस की एंट्री हो गई. क़ायदे-क़ानूनों को ठेंगा दिखा कर चल रही इस पार्टी की खबर मिलते ही गुड़गांव पुलिस और एक्साइज डिपार्टमैंट ने इस पब पर एक ज्वाइंट रेड की और फिर कानून के इन मुहाफ़िजों को अंदर जो कुछ दिखा, उसे देखकर सभी सकते में आ गए. पार्टी में सैकड़ों स्कूली लड़के-लड़कियां ना सिर्फ हुक्के और शराब के मजे ले रहे थे, बल्कि कई तो ऐसे भी थे, जिन्हें नशे की वजह से खुद अपना भी होश नहीं था.
ऐसे में पुलिस ने पहले तो सभी लड़कों को नीचे ही डांस फ्लोर पर बैठने को कहा और फिर किसी के भी बाहर जाने पर रोक लगा दी. अब मामले की नजाकत को देखते हुए पुलिस ने इस सिलसिले में लड़के-लड़कियों के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज करने के बदले उनके घरवालों को ख़बर दी.
पुलिस तो खैर पहले ही हैरान हो चुकी थी. लेकिन अब बारी थी घरवालों के चौंकने की. फिर जब अभिभावकों ने स्कूल, कॉलेज और ट्यूशन की बात कहकर घर से निकले अपने बच्चों को इस तरह धोखे से मजे करते हुए देखा तो वे अपना गुस्सा काबू में नहीं रख सके. फिर मौके पर ही अपने बच्चों की धुलाई शुरू कर दी.
एक सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए खुद इन स्कूली स्टूडेंट्स की ओर से रखी गई इस पार्टी पर हुई छापेमारी से बेशक इस बार भेद खुल गया, लेकिन ये छापेमारी हर उस परिवार के लिए एक सबक जरूर है जो इस बदलते दौर में अपने बच्चों की परवरिश और आजादी के मसले पर लापरवाही बरतते हैं.
गुड़गांव के एक पॉश रिहायशी इलाके में 12 जुलाई की रात साढ़े दस बजे सोशल नेटवर्किंग साइट पर एक स्कूली लड़के ने सेक्स एंड स्मोक ग्रुप क्रिएट किया. जैसा कि नाम से ही साफ था कि इस ग्रुप को क्रिएट करने का मकसद एक ऐसी पार्टी का आयोजन करना था, जिसमें धुएं और नशे की मस्ती के साथ-साथ हर तरह के संबंधों की खुली छूट हो. और फिर देखते ही देखते इस ग्रुप को एक नहीं बल्कि सैकड़ों लोगों ने लाइक कर लिया. लेकिन खास बात ये थी कि इसे लाइक करने वालों में ज़्यादातर 16 से 18 साल के उम्र के वे लड़के और लड़कियां थे, जो या तो स्कूलों में पढ़ रहे थे या फिर जिन्होंने अभी-अभी कॉलेजों में दाखिला लिया था.
लेकिन हर पार्टी की तरह सेक्स एंड स्मोक के लिए भी कुछ नियम और शर्तें पहले से ही मुकर्रर थी. इन शर्तों में 600 रुपये की फीस, अपने पार्टनर को साथ लाने, खुद अपने लिए किसी खास ब्रांड की शराब लेकर आने, पार्टी में किसी जानकार के रेफरेंस से ही आने और इसकी सीक्रेसी मेंटेन करने यानी पार्टी को गुप्त रखने की बात कही गई थी.
लेकिन कमाल देखिए कि इस पार्टी में लड़कों की तरह ना सिर्फ लड़कियों ने भी पूरा-पूरा इंटरेस्ट लिया, बल्कि पूछताछ में ये बात भी साफ हुई कि ज़्यादातर लड़कियां इस पार्टी में शामिल होने के लिए तय वक़्त से काफी पहले ही पब में पहुंच गई थीं. पब में नाबालिगों को शराब परोसे जाने के मसले पर जब पुलिस ने पार्टी का आयोजन करनेवाले लड़के से पूछा, तो उसका कहना था कि पार्टी में शराब पी रहे लड़के अपने साथ खुद ही शराब की बोतल लेकर पहुंचे थे.
मगर, इतना सब कुछ होने के बावजूद सिर्फ कमाई के चक्कर में जिस तरह इस पब के मालिक और मैनेजर ने बच्चों को खुलेआम क़ानून तोड़ने की छूट दे दी, वो अपने-आप में ये सवाल तो जरूर खड़े करता है कि आख़िर शहर के बीचों-बीच कोई पुलिस और एक्साइज़ डिपार्टमेंट से इतना बेख़ौफ कैसे हो सकता है?
तमाम कायदे-क़ानूनों को ठेंगा दिखाकर गुड़गांव के इस पब में आखिर कैसे चल रही थी नशे और सेक्स की पार्टी? वो भी तब जब नाबालिगों को शराब पिलाना तो दूर, गुड़गांव में हुक्का बार चलाना तक मना है. पुलिस ने जब इस सवाल का जवाब जानने की कोशिश की, तो उसके हाथ अपने-आप पब के मालिक और मैनेजर की गिरेबान तक पहुंच गए.
डीबी सिटी सेंटर मॉल के इस पब में नौनिहालों की इस शर्मानाक संडे पार्टी से सबकी आंखें चौंधियाई हुई हैं. सवाल उठ रहा है कि आखिर 15 से 20 साल के 100 से ज़्यादा इन बच्चों को शराब कैसे परोस दी गई. क्या पब के मालिक और मैनेजर को इस बात की जानकारी नहीं थी कि 25 साल से कम उम्र के किसी भी शख्स को शराब पिलाना ग़ैर क़ानूनी है. और अगर जानकारी थी तो बच्चों को पब में शराब व हुक्के की पार्टी करने की इजाजत क्यों दी गई. इस घटना से चौकन्ने हुए आबकारी विभाग ने पब के संचालकों के खिलाफ चालान
जारी कर दिया है.
फिलहाल पब मालिक और मैनेजर के खिलाफ डीएलएफ थाने में मामला दर्ज किया गया है और पुलिस ने इस पब की साइट को भी बंद करवा दिया है. इस पार्टी पर नजर पड़ गई तो अब हंगामा ज़रूर बरपा है. लेकिन इस पब में पिछले एक महीने से हर रविवार को ऐसी ही संडे पार्टी हो रही थी. जिनकी जानकारी शायद किसी को नहीं थी. जरा सोचिए, देश के कितने ही हिस्सों में ऐसे ही बेलगाम पबों की वजह से कहीं हमारा आने वाला कल शराब और धुएं के ग़ुबार में तो नहीं खो रहा.