धर्म के नाम पर पाखंड का पाप जब से हद से ज्यादा हो गया, तो उसकी भी जुबान खुल गई, जो कल तक उसके साथ साए की तरह रहता था. कभी रसोईया, कभी ड्राइवर, कभी सचिव तो कभी बॉडीगार्ड. इंदौर के रहनेवाले एक शख्स के लिए पिछले 20 सालों में शायद ही कोई ऐसा दिन रहा, जब वो नारायण साईं के साथ नहीं था लेकिन जब अपने उस्ताद यानी नारायण साईं के धतकरम देख-देख कर उसकी जमीर ने उस पर लानत बरसानी शुरू कर दी, गैरत ललकारने लगी, तो फिर उससे नहीं रहा गया और अब जब वो बोल रहा है, तो खूब बोल रहा है.
दरअसल, नारायण की ये नाटक नौटकियां होती तो जमाने के सामने थीं लेकिन इन नौटकियों के पीछे जो छिपा होता था, वो कम ही लोग जानते थे और इन्हीं लोगों में एक था, इंदौर का रहनेवाला एक शख्स, जिसने कभी आसाराम से गुरु दीक्षा ली थी. भक्ति में पागल इस शख्स ने तब आसाराम के बेटे नारायण साईं को भी भगवान की तरह माना, लेकिन जल्द ही इस भगवान की असलियत किसी शैतान की तरह उसके सामने आ गई.
वजह ये कि नारायण साईं खुद इसी शख्स शख्स के मोबाइल फोन से बातें कर अपना हर डील फाइनल किया करते थे लेकिन नारायण साईं की इन ढंकी-छुपी बातों से जब उसे शक होने लगा तो उसने अपने बचाव के लिए उनकी बातें रिकॉर्ड करनी शुरू कर दी और इसके बाद उसे नारायण साईं का जो सच पता चला, उसने इसे अंदर से हिला दिया. दरअसल, धर्म-कर्म और सत्संग की आड़ में नारायण साईं और आसाराम ना सिर्फ़ रुपये कमाने में, बल्कि लड़कियों का यौन शोषण करने में लगे थे.
वैसे तो राजस्थान पुलिस ने अपनी जांच के दौरान आसाराम को मासूम बच्चियों को शोषक यानी पीडोफाइल करार दिया था लेकिन यहां तो इस पुराने राजदार ने आसाराम के बेटे नारायण साईं के बारे में जो खुलासा किया है, वो कहीं उससे भी ज्यादा बढ़ कर है. इस शख्स की मानें तो नारायण साईं के ना सिर्फ 5 सौ से ज्यादा लड़कियों के साथ संबंध थे, बल्कि वो अक्सर बच्चियों के साथ भी ज्यादती किया करते थे. इनमें से ज्यादातर लड़कियों को धर्म-कर्म की आड़ में बहलाया जाता था, जबकि कुछ को शिकार बनाने के इस तरह डरा दिया जाता कि कोई मुंह खोलने की हिम्मत नहीं करता था.
नारायण साईं के पूर्व सेवक सतीश वाधवानी का कहना है कि नारायण साईं कई लोगों के साथ मिलकर हवाला के ज़रिए भी पैसा बनाने के धंधे में लगे हुए थे. वो रुपये पैसों को लेकर कोड लैंग्वेज का इस्तेमाल करते थे. मसलन कई बार वो लाख रुपये के लिए हज़ार रुपये बोलते थे. यानी अगर उन्होंने कभी नौ हज़ार कहा तो उसका मतलब नौ लाख होता था.
यौन शोषण की नारायण की करतूत अब बेशक दुनिया के सामने आ चुकी हो, लेकिन अभी कई और गलत धंधों और इसमें नारायण साईं का साथ देनेवालों के चेहरे से नकाब हटना अभी बाकी है.