फ्रोजन बाबा यानी आशुतोष महाराज की कहानी का अंजाम क्या होगा, ये हर कोई जानना चाहता है. इस बात पर भी सबकी नजर है कि हाई कोर्ट की डबल बेंच फ्रीजर में बंद बाबा की समाधि में होने की बात मानता है या फिर उन्हें मुर्दा करार दे कर उनका अंतिम संस्कार कर देने के सिंगल बेंच के फैसले पर मुहर लगाता है. लेकिन इसी बीच बाबा के कथित बेटे ने जो पैंतरा बदला है, उसने सभी को चौंका दिया है. अब वो भी बाबा का अंतिम संस्कार रुकवाना चाहता है.
ज्ञान कहता है कि जब कोई इंसान एक बार क्लिनिकली डेड हो जाए, तो फिर उसके ज़िंदा होने की कोई उम्मीद नहीं होती, लेकिन जालंधर के आशुतोष महाराज की मौत को समाधि बताने में लगे उनके भक्तों का इस तर्क से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है. कानून जहां महाराज के बेटे को अपने पिता को मुखाग्नि देने यानी अंतिम संस्कार करने के हक से वंचित नहीं रहने देना चाहता. वहीं बाबा के भक्तों का कहना है कि चूंकि महाराज अभी गहरी समाधि में हैं, लिहाजा उन्हें जगाया नहीं जा सकता.
यही वजह है कि महाराज के बेटे के हक में आए पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अब दिव्य ज्योति जागृति संस्थान हाई कोर्ट की डबल बेंच समेत सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की तैयारी कर रहा है. हालांकि इस कहानी में एक और बड़ा पेंच है और वो है महाराज की अरबों की जायदाद का. खुद महाराज के ड्राइवर की माने तो ये सब दरअसल महाराज के पीछे उनकी गद्दी और जायदाद को लेकर जारी रस्साकशी का नतीजा है.