9321933400 और 7804907062, यही वो दो मोबाइल नंबर हैं जिनमें तमाम राज कैद हैं. यही वो दो नंबर हैं जिनकी मदद से जोधपुर पुलिस आसाराम के इर्द-गिर्द कानून का ऐसा शिकंजा कसना चाहती है कि आसाराम के लिए जेल से बाहर आना मुश्किल हो जाए.
दरअसल इऩ दो नंबरों में से पहला नंबर यानी 9321933400 आसाराम का है. आसाराम खास लोगों से बस इसी नंबर पर बात किया करते थे. पर वो फोन खुद नहीं उठाते थे, ना ही फोन को छूते थे. फोन उनका रसोइया प्रकाश उठाता था और वही फोन आसाराम के कान में लगाता था.
दूसरा नंबर यानी 7804907062 शिल्पी का है. उसी शिल्पी का जिसपर आरोप है कि वो आसाराम के गुरूकुल में पढ़ने वाली लड़कियों को तैयार कर उन्हें आसाराम के पास एकांतवास में भेजती थी.
आसाराम और उनकी गुरूकुल की वार्डन शिल्पी खुद को चाहे लाख पाक-साफ़ बताए पर कॉल डिटेल दोनों के दावों की चुगली करते हैं. जो शिल्पी इसी साल मार्च तक बाबा को जानने तक से इनकार कर रही थी, वही शिल्पी एक महीने बाद यानी अप्रैल से बाबा से अचानक ना सिर्फ बातचीत शुरू कर देती है, बल्कि जैसे-जैसे वक़्त गुज़रता है शिल्पी और बाबा की बातचीत लंबी होती जाती है और इत्तेफ़ाक देखिए कि एक-दो कॉल से शुरू हुई बातचीत का ये सिलसिला धीरे-धीरे लगातार बढ़ता जाता है और ये सबकुछ तब तक चलता है, जब तक छिंदवाड़ा के गुरुकुल में पढ़नेवाली लड़की को आसाराम के कलंक की कुटिया तक पहुंचा नहीं दिया जाता.
आसाराम और उनकी चालाबाज़ चौकड़ी के पास इस टेलीफ़ोनिक बातचीत के हक़ में चाहे कोई भी दलील हो, लेकिन पुलिस की तफ्तीश जो कहानी बयान करती है वो बेहद चौंकाने वाली है और उससे बही ज्यादा चौंकाने वाली चीज हैं फोन कॉल की डिटेल्स और तारीख. इसी कॉल डिटेल और तारीख में छुपा है यौन शोषण की साज़िश का पूरा सच. , आजतक।
शिल्पी को आसाराम के कहने पर 15 मार्च को हरिद्वार से छिंदवाड़ा गुरुकुल का वार्डन बना कर भेजा गया था. छिंदवाड़ा पहुंचते ही शिल्पी ने नया फोन नंबर लिया और वो नंबर है 7804907062. छिंदवाड़ा पहुंचने के बाद शिल्पी और आसाराम के बीच फोन पर 15 मार्च से लेकर 23 अप्रैल तक एक बार भी बात नहीं होती है.
शिल्पी आसाराम को पहली बार 23 अप्रैल को फोन करती है. इसके बाद दूसरी बार वो 27 अप्रैल को आसाराम को फोन करती है. फोन आसाराम के मोबाइल नंबर 9321933400 पर किय़ा गया था. ये नंबर किसी मनदीप छाबड़ा के नाम रजिस्टर्ड है.
अप्रैल में दो बार बातचीत होने के बाद शिल्पी तीसरी और चौथी बार 10 और 11 जून को आसाराम को फोन करती है. इसके बाद फिर एक लंबा गैप आता है. जून के बाद शिल्पी 22 और 31 जुलाई को फिर आसाराम को फोन करती है. दोनों ही बार लंबी बातचीत होती है. इस तरह 23 अप्रैल से लेकर 31 जुलाई तक यानी करीब सवा तीन महीने में आसाराम और शिल्पी कुल मिला कर सिर्फ छह बार फोन पर बात करते हैं.
इसके बाद 6 अगस्त को पीड़ित लड़की के पेट में दर्द होता है. इधर दर्द उठा उधर अगले ही दिन यानी सात अगस्त को शिल्पी फिर आसाराम को फोन करती है. अगले ही रोज यानी आठ अगस्त को भी फोन पर उसकी आसाराम से बात होती है, लेकिन इसके बाद जैसे-जैसे ल़ड़की को आसाराम के पास पहुंचाए जाने का वक़्त क़रीब आता जाता है, शिल्पी और आसाराम की बातचीत का सिलसिला बढ़ता जाता है.
9 अगस्त को जब लड़की छिंदवाड़ा गुरुकुल से जोधपुर आसाराम के पास जाने के लिए रवाना होती है, तब भी शिल्पी आसाराम को टेलीफ़ोन करती है. इसके बाद दोनों के बीच 10 अगस्त को भी बातचीत होती है. 13 अगस्त को जब पीड़ित लड़की आसाराम से मिलने जोधपुर पहुंचती है, तब भी शिल्पी और आसाराम के बीच मोबाइल पर बातचीत होती है और ये सब कुछ 17 अगस्त तक चलता है. पीड़ित लड़की की शिकायत मुताबिक आसाराम ने उसके साथ 15 अगस्त को ज़्यादती की थी.
हालांकि अहमदाबाद आश्रम के मीडिया प्रभारी उदय सांगाणी का कहना है कि शिल्पी और आसाराम के बीच ये बातचीत गुरुकुल में खाने-पीने के इंतज़ाम को लेकर हुई होगी लेकिन ये पूछे जाने पर कि पहले दोनों के बीच ऐसी बातचीत क्यों नहीं हुई, सांगाणी के पास इसका कोई पुख्ता जवाब नहीं था.
अब सवाल ये है कि छह अगस्त से लेकर 17 अगस्त तक ही शिल्पी और आसाराम के बीच इतनी बातचीत क्यों हुई और 17 अगस्त के बाद से अचानक दोनों के बीच बातचीत क्यों बंद हो गई? जोधपुर पुलिस इसी सवाल का जवाब तलाश रही है.
आसाराम और शिल्पी के कॉल डिटेल्स की एक और चौंकाने वाली सच्चाई है और वो है बतचीत का वक्त. 23 अप्रैल से लेकर 31 जुलाई तक जो छह कॉल शिल्पी ने आसाराम को किए थे उनमें से सबसे लंबी बातचीत 31 जुलाई को हुई थी. शिल्पी ने आसाराम से एक मिनट 18 सेकेंड तक बात की थी जबकि बाकी पाच बार मुश्किल से दोनों में पांच से पंद्रह सेकेंड तक ही बातचीत हुई.
पर 6 अगस्त को पीड़ित लड़की बीमार पड़ती है और अगले ही दिन सात अगस्त को शिल्पी आसाराम से कुल छह मिनट पांच सेंकेड तक बात करती है. अब तक की सबसे ज्यादा लंबी बातचीत. सात अगस्त की सुबह ही छिंदवाड़ा गुरुकुल का डायरेक्टर शरत चंद्र अपने मोबाइल नंबर 9354719340 से आसाराम को फोन करता है और 6 मिनट 32 सेकेंड तक बात करता है. शरत चंद्र ने इससे पहले पिछले छह महीने में कभी आसाराम को फोन नहीं किया था.
इसके बाद आठ अगस्त को शिल्पी आसाराम से 4 मिनट 34 सेकंड बात करती है. उसी रोज आसाराम को शिवा भी अपने मोबाइल से फोन करता है और 2.34 सेंकंड बात करता है. नौ अगस्त को पीड़ित लड़की गुरुकुल से अपने घर के लिए रवाना होती है और दस अगस्त को शिल्पी बापू से सात मिनट फोन पर बात करती है. इसके बाद 13 अगस्त को जब लड़की बाबा के पास पहुचं जाती है तब शिल्पी 5.30 मिनट तक फोन पर बाबा से बात करती है. शिल्पी की आसाराम से आखिरी बातचीत 17 अगस्त को होती है और आखिरी बार दोनों में अब तक की सबसे लंबी बातचीत आठ मिनट की होती है.
कमाल ये है कि आसाराम के देश भर में करीब साढ़े चार सौ आश्रम और गुरुकुल हैं पर शिल्पी को छोड़ कर आसाराम से सीधे फोन पर बात करने की हिम्मत और इजाजत किसी और वार्डन को नहीं थी. सबसे खास बात ये कि सात अगस्त से लेकर 17 अगस्त तक आसाराम के फोन का लोकेशन लगातार राजस्थान ही था.