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गिरफ्तारी से बचने के लिए सोमनाथ भारती ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री पिछले कई दिनों से कानून से भाग रहे हैं. बेचारी दिल्ली पुलिस शुरू-शुरू में इस उम्मीद में बैठी रही कि चलो इंतजार कर लेते हैं खुद ही आ जाएंगे. कहां जाएंगे? मगर इंतजार की भी कोई हद होती है. दिन हफ्ते में बदल गया पर ना उनको आना था ना वो आए. सवाल ये है कि वकील सोमनाथ भारती पुलिस और कानून से आखिर भाग क्यों रहे हैं?

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गिरफ्तारी से बचने को सोमनाथ भारती की दौड़ जारी
गिरफ्तारी से बचने को सोमनाथ भारती की दौड़ जारी

दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री पिछले कई दिनों से कानून से भाग रहे हैं. बेचारी दिल्ली पुलिस शुरू-शुरू में इस उम्मीद में बैठी रही कि चलो इंतजार कर लेते हैं खुद ही आ जाएंगे. कहां जाएंगे? मगर इंतजार की भी कोई हद होती है. दिन हफ्ते में बदल गया पर ना उनको आना था ना वो आए. सवाल ये है कि वकील सोमनाथ भारती पुलिस और कानून से आखिर भाग क्यों रहे हैं?

तमाम मोहलत खत्म हो गई. तमाम रास्ते बंद हो गए. तमाम उम्मीदें दम तोड़ गईं. पर ना तो उनको आना था और ना वो आए. आंखें बस इंतजार ही करती रह गई. पर दीदार नहीं हुआ. अब ना आने का सबब तो वही बता सकते हैं. पर क्या वाकई लोगों को सबब पता नहीं है? पता नहीं कितना सच है और कितना झूठ. पर कहते तो यही हैं कि वकील से बेहतर कानूनी दांव-पेंच और कौन समझ सकता है. फिर अपने सोमनाथ भारती तो कानून मंत्री भी रह चुके हैं. सारे कानूनी पैंतरे बखूबी जानते हैं.

कबसे दिल्ली पुलिस नजरें गड़ाए बैठी है. इंतजार में दिन-रात एक किए है. थाना उनकी राह तक रहा है, कि वो आएं. ताकि पुलिस पूछ सके और वो बता सकें कि एक बीवी के लगाए इलजाम में कितना सच है और कितना झूठ? पर अपने सोमनाथ भारती वैसे तो खूब बोलते रहे. पर पुलिस के सामने कुछ नहीं कह रहे. अब इसे सोमनाथ भारती का कानून की जानकारी को लेकर अति आत्मविश्वास कहें या डर. कभी इन्हीं कानून मंत्री सोमनाथ भारती के मुख्यमंत्री रहे अरविंद केजरीवाल तक इस इंतजार से ऊब चुके हैं. चिड़िया उड़ा कर उड़नछू हो जाने वाले उन्हीं सोमनाथ भारती से इल्तिजा कर रहे हैं कि अब बस भी करो. कितना शर्मिंदा कराओगे.

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पर चिड़िया उड़े भी अब तो घंटों हो गए. फिर भी सोमनाथ भारती इंतजार ही करा रहे हैं. हालांकि बताते हैं कि उनके इंतजार में खास तौर पर थाने के कई अफसर पिछले कई दिनों से छुट्टी छोड़िए जरूरी काम से भी थाना छोड़ कर नहीं जा पा रहे. इस डर से कि क्या पता कब वो अचानक आ जाएं, या ले आए जाएं. पर हद है. ना वो खुद आ रहे हैं, ना ही लाए जा रहे हैं. अब तो सचमुच बहुत देर हो गई है. चलिए अब आपको बताते हैं कि आखिर सोमनाथ भारती पुलिस से भाग क्यों रहे हैं? दरअसल उन्हें भगाने वाला कोई और नहीं एक डॉन है.

ये डॉन अंडरवर्ल्ड से नहीं है. बल्कि डॉन एक कुत्ते का नाम है. ये कुत्ता सोमनाथ भारती की पत्नी लिपिका का है. और इसी कुत्ते की वजह से सोमनाथ भारती को आज ये दिन देखने पड़े रहे हैं. कहानी बहुच ज्यादा पेचीदा नहीं है. सोमनाथ भारती की एक पत्नी हैं और दो बच्चे. पत्नी से कभी रिश्ता ठीक नहीं रहा. मगर झगड़ा तब भी घर की चारदीवारी में ही था. लेकिन इधर सोमनाथ भारती ने 'आप' के लिए सार्वजनिक जीवन में कदम रखा और उधर पत्नी के साथ कड़वा रिश्ता भी सार्वजनिक हो गया. शिकवा-शिकायत, इलज़ाम-दर अलजाम, लड़ाई-झगड़ा और मान-मनौव्वल से होते-होते मामला आखिरकार पुलिस और महिला आयोग तक जा पहुंचा. पर फिर भी लग रहा था मियां-बीवी का आपसी झगड़ा है बातचीत से और समझौते से निपट जाएगा.

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पर ऐसा हुआ नहीं. बल्कि हुआ ये कि अचानक पति-पत्नी के बीच डॉन आ गया. डॉन बोले तो सोमनाथ भारती की पत्नी लिपिका का कुत्ता. वो कुत्ता जो दोनों के साथ एक ही घर में रहता था. अब इस डॉन के बीच में आते ही अब तक जो लड़ाई आम मियां-बीवी की लड़ाई लग रही थी वो अचानक बेहद संगीन हो गई. संगीन इसलिए क्योंकि डॉन के जरिए लिपिका ने सोमनाथ भारती पर जो इलजाम लगाए वो संगीन धाराओं वाले थे. इलजाम ये कि सोमनात भारती ने एक बार लिपिका को जान से मारने के लिए डॉन को उनपर छोड़ दिया था. अब जैसे ही ड़ॉन की ये कहानी लिपिका की जुबानी थाने तक पहुंची पुलिस ने भी आनन-फानन में सोमनाथ भारती के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 यानी जान से मारने की कोशिश का मामला दर्ज कर लिया.

घरेलू हिंसा और झगड़ों की धाराओं में तो सोमनाथ भारती पहले से ही लिपटे थे, पर जान से मारने की कोशिश का मतलब साफ था कि ये धारा गैर-जमानती है. यानी इसमें गिरफ्तारी भी तय और जेल जाना भी. अब वकील भी सोमनाथ भारती, और पूर्व कानून मंत्री भी सोमनाथ भारती. तो जाहिर है उन्हें भी इस धारा का संगीन सच पता था. बस फिर क्या था, उसी दिन से लुकाछुपी का खेल शुरू कर दिया. गिरफ्तारी से बचने के लिए पहले निचली अदालत, फिर ऊपरी अदालत. फिर इसी अदालती खेल के बीच एक रोज देर रात खुद ही थाने पहुंच गए. क्योंकि पता था कि अदालत में मामला है इसलिए पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकती. अब थाने पहुंचे तो सोचा चलो मीडिया को ही खुद की बेगुनाही के कुछ सबूत दे दूं. इसके बाद तो सोमनाथ भारती ने वो हरकत की कि खुद मौके पर मौजूद रिपोर्टर और कैमरामैन डर गए.

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दरअसल सोमनाथ भारती डॉन के साथ थाने आए थे. थाने के बाहर अचानक उन्होंने रिपोर्टरों के बीच खड़े होकर डॉन से कहा, 'मुझ पर इलजाम है कि मैंने तुझे अपनी बीवी को काटने को कहा था. यहां पर ये सारे रिपोर्टर हैं चल मैं कह रहा हूं इन सबको काट ले.' पर सोमनाथ भारती के कहने पर भी डॉन बस पूंछ हिलाता रहा. काटा किसी को नहीं. इस के बाद वो रिपोर्टर से कहते हैं, 'मेरे कहने पर जब ये आप लोगों को नहीं काट रहा तो फिर मेरी बीवी को कैसे काट सकता है? मैं बेकसूर हूं. अब भला सोमनाथ भारती को कौन समझाए कि कौन गुनहगार है और कौन बेकसूर, ये अदालत तय करेगी. और अदालत तय करे उसके लिए जरूरी है कि वो पहले पुलिस के सामने जाएं. यूं भागने से वो अपना ही केस कमजोर कर रहे हैं. एक वकील होने के नाते इतना तो उन्हें पता होना चाहिए.

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