दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर दावा किया है कि दिशा रवि ने ही उस टूलकिट को एडिट किया था जिसे एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया था. दिल्ली पुलिस के अनुसार जब दिशा को लगा कि इस टूलकिट में कई संवेदनशील चीजें हैं और वे पब्लिक डोमेन में आ गई हैं तो दिशा ने ग्रेटा थनबर्ग को इसे डिलीट करने को कहा.
बता दें कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने बेंगलुरु से 21 साल की पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार किया है. अदालत ने दिशा रवि को 5 दिन की कस्टडी में भेज दिया है.
दिशा रवि टूल किट मामले की मुख्य साजिशकर्ता
दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर दावा किया है कि दिशा रवि टूल किट की एडिटर है, वह इस दस्तावेज को तैयार करने और इसके प्रचार प्रसार में मुख्य साजिशकर्ता है. दिल्ली पुलिस का कहना है कि उसने व्हाट्सएप ग्रुप को शुरू किया और टूलकिट को बनाने में सहयोग किया. दिल्ली पुलिस के मुताबिक दिशा रवि ने इस दस्तावेज को तैयार करने में अहम रोल अदा किया.
दिल्ली पुलिस का दावा है कि ये सभी लोग खालिस्तानी समर्थन पोएिटक जस्टिस फाउंडेशन के साथ मिल गए ताकि भारतीय राज्य के खिलाफ असंतोष फैलाया जा सके.
दिशा रवि ने टूलकिट को ग्रेटा थनबर्ग के साथ शेयर किया
दिल्ली पुलिस का कहना है कि ये दिशा रवि ही थी जिन्होंने टूलकिट को ग्रेटा थनबर्ग के साथ शेयर किया था.
दिल्ली पुलिस ने तीन ट्वीट के जरिए पूरी बात रखते हुए कहा कि बाद में दिशा रवि ने ग्रेटा थनबर्ग को मुख्य दस्तावेज हटाने को कहा था, क्योंकि कई संवेदनशील जानकारियां सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर आ गई थीं.
दिल्ली पुलिस का कहना है कि जैसा कि दिशा ने कहा है कि उन्होंने केवल 2 लाइन एडिट किया है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है, बल्कि उन्होंने इस दस्तावेज को कई बार एडिट किया है.
बता दें कि कोर्ट में दिशा ने कहा था कि उसने सिर्फ दो लाइनों को एडिट किया था. लेकिन दिल्ली पुलिस का दावा इससे इतर है.
व्हाट्सग्रुप के अन्य सदस्यों की तलाश
दिल्ली पुलिस अब निकिता जैकब और शांतनू और व्हाट्सग्रुप के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है. पुलिस का कहना है कि दिशा ने फोन का डाटा मिटा दिया है लेकिन इसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है ताकि डाटा को वापस लाया जा सके.
दिल्ली पुलिस अब दिशा से ये जानना चाह रहा है कि उन्हें ट्विटर स्टॉर्म के लिए किसने कहा था और वह किन लोगों से संपर्क में थी.
अदालत में नहीं था दिशा का वकील
दिल्ली पुलिस के बड़े अधिकारियों के मुताबिक दिशा रवि की गिरफ्तारी की खबरें मीडिया में चल जाने के बाद दिशा रवि को अदालत में पेश किया गया लेकिन अदालत में दिशा रवि का कोई वकील मौजूद नहीं था.
लिहाजा कोर्ट ने दिशा रवि की तरफ से दिल्ली लीगल एड सेल के वकील को आगे कर दिया. अधिकारियों का दावा है कि ये सब कुछ मुमकिन है रणनीति के तहत किया गया हो जिससे आरोपी को अदालत में फायदा मिले और अदालत आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दे.
सूत्रों के मुताबिक जैसे ही दिशा को अदालत ने रिमांड पर भेजा साइबर सेल के द्वारका दफ्तर में दिशा से मिलने कई वकील पहुंच गए.