यौन शोषण के इल्जामों से घिर कर आसाराम बेशक जेल में बंद हों, बाहर आने के लिए हाथ-पांव मार रहे हों, लेकिन आसाराम और उनके भक्त हैं कि मानते ही नहीं और इस बार आसराम के एक चेले ने दी है धमकी दी है कि अगर आसाराम के खिलाफ शिकायत करनेवाली लड़की ने अपनी रिपोर्ट वापस नहीं ली, तो नतीजा एक ही है, मौत. यानी बाबा अब साम, दाम, दंड, भेद हर हथकंडे पर उतारू हैं.
टेलीफोन पर एक शख्स दूसरे शख्स को तथाकथित संत आसाराम के खिलाफ़ दर्ज की गई यौन शोषण की शिकायत वापस लेने की धमकी दे रहा है और ना सिर्फ़ धमकी दे रहा है, बल्कि ये भी कह रहा है कि अगर लड़की के घरवालों ने ऐसा नहीं किया, तो फिर उनके पूरे परिवार को ही ख़त्म कर दिया जाएगा.
टेलीफोन रिसीव करनेवाला शख्स तो पीड़ित लड़की के पिता का दोस्त है, जबकि टेलीफोन करनेवाला शख्स आसाराम का वो सेवादार, जिसकी पहुंच आसाराम के आश्रमों से लेकर उसके तमाम गुप्त ठिकानों तक है और इस वक्त श्याम नाम का यही सेवादार लड़की और उसके घरवालों के लिए जो कुछ कह रहा है, वो ना सिर्फ़ चौंकानेवाला बल्कि बेहद संगीन है. लड़की के पिता के दोस्त को श्याम लड़की के घरवालों से आसाराम के खिलाफ दर्ज करवाए गए मुकदमे को वापस लेने की बात कह रहा है. उसका कहना है कि अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया, तो आनेवाला वक्त उनके लिए बहुत बुरा होगा क्योंकि आज नहीं तो कल ये आसाराम पर आई ये सारी मुसीबतें खत्म हो जाएंगी, लेकिन इसके बाद आसाराम के लाखों-करोड़ों भक्त उन्हें नहीं छोड़ेंगे, बल्कि जान से मार डालेंगे.
वैसे सीधे लड़की के पिता को फ़ोन की बजाय उनके एक दोस्त फोन करने के पीछे भी श्याम के पास अपनी दलील है. उसका कहना है कि चूंकि लड़की का पिता इन दिनों उसका फोन नहीं उठा रहा है, ऐसे में उस तक ये बातें पहुंचाने का सिर्फ वही एक जरिया है.
पहले पुलिसवालों को रिश्वत की पेशकश, फिर जान से मारने की धमकी और अब पीड़ित लड़की के घरवालों के लिए कही गई आसाराम के एक खासमखास की इन बातों ने सलाखों के पीछे क़ैद आसाराम के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है.
इसे अंधभक्ति नहीं तो और क्या कहेंगे कि जो आसाराम यौन शोषण के इल्जाम में गिरफ्तार होकर जेल भी चले गए, उसी आसाराम के चेलों के लिए उनकी गिरफ्तारी अब भी नामुमकिन है.
इस टेलीफोनिक बातचीत में आसाराम के इस ख़ासमखास को ना सिर्फ लड़की के पिता के दोस्त को धमकाते हुए बल्कि इंसाफ़ की इस लड़ाई के हवा-हवाई साबित होने की बात कहते हुए भी सुना जा सकता है. एक जगह ये शख्स कहता है कि मीडिया से लेकर दुनिया के तमाम लोग सब पीछे रह जाएंगे, नुकसान होगा तो सिर्फ़ लड़की और उसके घरवालों को.
हालांकि आसाराम के इस शागिर्द की इन बातों पर जब लड़की के पिता का दोस्त चुटकी लेता है, तो शागिर्द भी कुछ देर के लिए सकपका जाता है लेकिन थोड़ी देर बाद फिर ये कह कर उसे धमकाने की कोशिश करता है कि आसाराम को हज़ारों संतों का समर्थन है, जो आसाराम के एक इशारे भर से देश भर में हंगामा कर सकते हैं. बहरहाल, टेलीफ़ोन पर मिली इस ताज़ी धमकी के बाद अब आसाराम के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है. जाहिर है, जब आसाराम खुद जेल में हैं तो ये बड़ा सवाल है कि आखिर किसके कहने पर उसके शागिर्द इस तरह पीड़ित लड़की के घरवालों को धमका रहे हैं.
हिंदुस्तान के सबसे अजीम और सबसे शोहरतमंद वकील राम जेठमलानी जब अपने मुवक्किल आसाराम के लिए पैरवी करने जोधपुर पहुंचे, तो सारी निगाहें जैसे उन्हीं पर ही टिक गईं.
आसाराम के साथ-साथ आम लोग भी ये जानने को बेताब थे कि आख़िर जेठमलानी वो कौन सी जादू की छड़ी घूमाते हैं, जो आसाराम के लिए राहत लेकर आती है लेकिन कहते हैं ना कि कानून अपना काम खुद करता है. लिजाजा जेठमलानी की बहस और दलीलों के बावजूद आसाराम के जेल से बाहर निकलने का रास्ता फिलहाल साफ़ ना हुआ.
कम से कम सोमवार का दिन तो आसाराम के लिए कोई भी राहत ले कर नहीं आया. एक तरफ़ जहां हाई कोर्ट ने उनकी जमानत पर बहस के लिए अगली तारीख 18 सितंबर की मुकर्रर कर दी, वहीं दूसरी तरफ निचली अदालत ने आसाराम को फिर से 14 दिनों के लिए सलाखों के पीछे भेजने का हुक्म सुना दिया.
ये और बात है कि जेठमलानी ने आसाराम के हक में हाई कोर्ट में बहस करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी. उन्होंने आसाराम के बेटे नारायण साईं की थ्योरी को सही ठहराते हुए आसाराम के ऊपर इल्जाम लगाने वाली को ही मानसिक रूप से बीमार करार दिया. उनका कहना था कि लड़की ने बीमारी की हालत में आसाराम पर काल्पनिक इल्जाम लगाए.
जेठमलानी ने खुद आसाराम के आश्रम के उन दस्तावेज़ों के सही मानने से इनकार कर दिया, जिसके मुताबिक लड़की नाबालिग करार दी गई थी. उन्होंने कहा कि आश्रम के दस्तावेजों पर यकीन करने की बजाय लड़की की सही उम्र का पता लगाने के लिए उसकी मेडिकल जांच करवाई जानी चाहिए. जेठमलानी ने इस बात पर भी सवाल खड़े किए कि आख़िर जब लड़की के साथ उसकी मां के रहते हुए बंद कमरे में ज़्यादती हुई, तो दोनों ने ये बात तब आश्रम में किसी से क्यों नहीं कही.
उन्होंने एफआईआर के तुरंत बाद लड़की के 164 के तहत बयान दर्ज किए जाने को भी साज़िश करार दिया लेकिन इस पर अभियोजन पक्ष ने सवाल किया कि ये साजिश है या फिर लड़की बीमार है, जेठमलानी पहले यही तय कर लें. हालांकि इस गर्मागरम बहस के बाद अदालत ने जमानत पर अगली सुनवाई के लिए बुधवार का दिन तय कर दिया.
प्रभु के पुत्र के पाले हुए प्रेत अब अपने असल रंग में हैं. उस बच्ची ने जिसने आसाराम की गंदी नज़रों के सामने भस्म हो जाने की बजाए उसके आध्यात्म की आकाशगंगा को नंगा करने की हिम्मत दिखाई. आरोप है कि आसाराम के गुंडे जब कानून से हार गए तो कंठ के जोर पर उतर आए है.
जीवन का आशीर्वाद बेचने वाले बाबा के शिष्य ज़िंदगी छीन लेने के लिए छटपटा रहे हैं लेकिन ये तो कुछ भी नहीं. परिवार को दी जा रही धमकियों में कहा जा रहा है कि आसाराम के शिष्य गंध में डूबे अपने गुरु को बचाने के लिए आतंकी बन चुके हैं.
आसाराम भले अंदर है लेकिन बाहर उसकी लीला जारी है. कहा जा रहा है कि ये आसाराम के सेवादार श्याम की आवाज़ है. अब आसाराम के आश्रमों में सन्नाटा पसरा हुआ है लेकिन उसके पेरोल पर पलने वाले सेवादारों की स्वामीभक्ति अभी भी बोल रही है.
आसाराम का नाच-गाना खेल-तमाशा, उछल-कूद और ढोल-ताशा सब जोधपुर जेल के लॉकअप में बंद है लेकिन यही भक्ति की खासियत होती है. लीलाधारी बंद हो जाए तो हो जाए लंपटों की लीला बंद नहीं होती.