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आसाराम के राजदार: शिल्पी और शरत को 20 साल की सजा, जानिए इनकी भूमिका

यौन शोषण केस में जेल की सजा काट रहे आसाराम पर पीड़िता ने सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. आरोप है कि 15 और 16 अगस्त 2013 की दरम्यानी रात जोधपुर के एक फार्म हाउस में आसाराम ने इलाज के बहाने उसका यौन उत्पीड़न किया था.

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यौन शोषण केस में जेल में बंद आसाराम
यौन शोषण केस में जेल में बंद आसाराम

यौन शोषण केस में जेल की सजा काट रहे आसाराम पर पीड़िता ने सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. पीड़िता का आरोप है कि 15 और 16 अगस्त 2013 की दरम्यानी रात जोधपुर के एक फार्म हाउस में आसाराम ने इलाज के बहाने उसका यौन उत्पीड़न किया था. पीड़िता का आरोप है कि इस कांड को आसाराम ने अकेले अंजाम नहीं दिया था. इसमें कई लोग भी शामिल थे. इनमें शिल्पी और शरत को कोर्ट ने सजा सुनाई है, जबकि शिवा और प्रकाश को बरी कर दिया है.

यूपी के शाहजहांपुर की रहने वाली पीड़िता के दिल्ली आने और यहां से जोधपुर जाने के बीच इन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. इसमें हॉस्टल वार्डन, हॉस्टल संचालक, प्रमुख सेवादार और रसोइया का नाम शामिल है. पीड़िता ने दिल्ली के कमलानगर थाने में 19 अगस्त 2013 को आसाराम सहित इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.

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सह आरोपियों की भूमिका, आरोप और सजा

1- हॉस्टल वार्डन शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता

दोष: भूत-प्रेत का भय दिखाया. छात्रा को दुष्प्रेरित कर आसाराम के पास भेजा.

सजा- 20 साल की जेल

2- हॉस्टल संचालक शरदचन्द्र उर्फ शरतचन्द्र

दोष: बीमारी का पता चलने पर भी इलाज नहीं कराया. पूरी रात अनुष्ठान कराया. आसाराम को ही एकमात्र उपचारकर्ता मानने पर मजबूर किया.

सजा- 20 साल की जेल

3- प्रमुख सेवादार शिवा उर्फ सेवाराम

आरोप: छात्रा को शाहजहांपुरा से दिल्ली और दिल्ली से जोधपुर बुलाया. जोधपुर के मणाई आश्रम में आसाराम से मिलाने की व्यवस्था की थी.

कोर्ट ने इसे बरी कर दिया

4- रसोइया प्रकाश द्विवेदी

आरोप: शरद, शिल्पी, शिवा और आसाराम के बीच मध्यस्थ बना. छात्रा के परिजनों को जाने का कहकर छात्रा के अकेली रहने की स्थिति पैदा की थी.

कोर्ट ने इसे बरी कर दिया

जोधपुर सेशन कोर्ट में चला केस

पुलिस ने आसाराम के खिलाफ आईपीसी की धारा 370(4), 342, 376, 354-ए, 506, 509/34, जेजे एक्ट 23 व 26 और पोक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत केस दर्ज किया था. इसके बाद 31 अगस्त 2013 को मध्य प्रदेश के इंदौर से आसाराम को गिरफ्तार किया गया था. जोधपुर सेशन कोर्ट में आसाराम के खिलाफ केस चला. इसके बाद कोर्ट ने आरोप तय किए थे.

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इन धाराओं के तहत मिली सजा

आईपीसी की धारा 370(4): नाबालिग का अवैध व्यापार

सजा: ट्रैफिकिंग ऑफ पर्सन यानि यौन शोषण के लिए नाबालिग का अवैध व्यापार करना. इसमें दस साल तक की सजा जो उम्र कैद तक बढ़ सकती है.

आईपीसी की धारा 342: रेप के लिए बंधक बनाना

सजा: छात्रा को कुटिया में बंद किया. यौन शोषण के लिए उसे डेढ़ घंटे तक बंद रखा. जबरन पकड़ कर रोका. इसमें एक साल की सजा का प्रावधान.

आईपीसी की धारा 354ए, 506, 509, पॉक्सो एक्ट की धारा 7,8: अश्लील हरकतें और धमकाना

सजा: खुद निर्वस्त्र हुए, नाबालिग छात्रा से अश्लील हरकतें की, यौन शोषण के लिए राजी होने की डिमांड की और नहीं मानने पर धमकी दी. इसमें 5 से 10 साल की सजा का प्रावधान.

आईपीसी की धारा 376(2)(एफ), पॉक्सो एक्ट की धारा 5(एफ) और 6: धार्मिक गुरु बन कर रेप

सजा: आसाराम ने छात्रा को बंधक बना कर रेप किया. चूंकि वह धार्मिक संस्था का ट्रस्टी है. पीड़ित की उसमें निष्ठा थी. उसने रेप किया. इन धाराओं में 10 साल तक की सजा जो उम्र कैद तक बढ़ सकती है.

आईपीसी की धारा 376(डी): गिरोह बना कर रेप

सजा: इसमें दस साल तक की सजा का प्रावधान है.

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