समय बिताने के लिए करना है कुछ काम. लॉकडाउन के चलते घरों में कैद बच्चों का कुछ यही हाल है. हालांकि बड़ों का भी हाल इससे कुछ कम नहीं लेकिन शांत बैठना बच्चों की फितरत नहीं. सो घर में बंद रहना उनके लिए सजा हो गई है. एक तरफ जहां स्कूल, कॉलेज, ट्यूशन-कोचिंग क्लासिस बंद हैं सो बच्चों के खाली रहने से अभिभावक भी परेशान हैं. उनका कहना है कि वह बच्चों को बिजी रखने के लिए नई-नई तरकीबें सोचते रहते हैं. देखें ये वीडियो.