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इम्युनिटी और कोरोना की दूसरी लहर का क्या है कनेक्शन? टॉप एक्सपर्ट ने बताया

देश में इस वक्त कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर भयावह होती जा रही है. इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर प्रोफेसर विजय राघवन ने इस दौरान दूसरी लहर आने के कुछ कारण बताए.

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लापरवाही भी दूसरी लहर का कारण बनी. (फाइल फोटो-PTI)
लापरवाही भी दूसरी लहर का कारण बनी. (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'वायरस के बदलने से दूसरी लहर आई'
  • 'इम्युनिटी और लापरवाही भी बड़ी वजह'
  • 'तीसरी लहर भी आएगी, तैयारी जरूरी'

देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर बुधवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस कॉन्फ्रेंस में प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर प्रोफेसर विजय राघवन ने बताया कि "जिस तरह से कोरोना वैरिएंट बदल रहा है, उस हिसाब से हमें तीसरी लहर के लिए भी तैयार रहना चाहिए. हम ये नहीं बता सकते कि तीसरी लहर कब आएगी या कब आ सकती है, लेकिन आएगी जरूर. हमें इसके लिए तैयार रहना चाहिए." उन्होंने कहा कि वैक्सीन प्रभावी है, लेकिन हमें इसे जरूरत के हिसाब से अपग्रेड करते रहना होगा.

प्रोफेसर विजय राघवन ने बताया कि "कई बार ही ऐसा होता है जब वायरस इम्युनिटी को इतनी तेजी से खत्म कर सकते हैं." उन्होंने कहा कि "इम्युनिटी की वजह से भी संक्रमण हो सकता है. क्योंकि वायरस हर लहर में अपना रूप बदल रहा है. पहले ये जानवरों में फैला. फिर इंसानों में आया तो वैरिएंट बदल गया. अभी भी वैरिएंट बदल रहा है. पहली लहर में इसके इतने वैरिएंट नहीं थे, जितने दूसरी लहर में आ रहे हैं."

उन्होंने कहा, "पहली लहर में इम्युनिटी की वजह से संक्रमण कम हो गया था. लेकिन अब इम्युनिटी कमजोर हो गई है. इसलिए जो पहले संक्रमित हो चुका था, उसे दोबारा संक्रमण हो रहा है. कम इम्युनिटी और सावधानी ना बरतना ही दूसरी लहर के आने का कारण हैं." हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि दूसरी लहर के आने के पीछे वायरस का रूप बदलना भी बड़ी वजह है. उन्होंने बताया, "दुनियाभर में हर महीने वायरस के दो वैरिएंट सामने आ रहे हैं." उन्होंने ये भी कहा कि जैसे-जैसे वैक्सीनेशन बढ़ेगा, हो सकता है कि वायरस फिर नया रूप लेकर आए. इसके लिए भी हमें तैयार रहना होगा.

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने दो बातें भी बताई, तीन बुरी, एक अच्छी

पहली बुरी बातः देश के 12 राज्य ऐसे हैं, जहां एक लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं. इनमें भी महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और आंध्र प्रदेश ऐसे राज्य हैं, जहां 1.5 लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं.

दूसरी बुरी बातः देश में 24 राज्य ऐसे हैं, जहां पॉजिटिविटी रेट 15% से भी ज्यादा है. यानी, यहां हर 100 टेस्ट में से 15 से ज्यादा पॉजिटिव मिल रहे हैं. सबसे ज्यादा 48% पॉजिटिविटी रेट गोवा में है.

तीसरी बुरी बातः कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, हरियाणा, राजस्थान, ओडिशा, पंजाब, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में संक्रमण की रफ्तार बढ़ती जा रही है.

अच्छी बातः  महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड समेत 12 राज्यों में संक्रमण में थोड़ी कमी आई है. हालांकि, लव अग्रवाल ने ये भी कहा कि केस कम होने का मतलब ये नहीं है कि ढीलाई दे दी जाए. क्योंकि एक दिन की ढिलाई हमें वापस पहले वाली स्थिति पर ले जा सकती है.

 

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