55 देशों को HCQ दे रहा है भारत
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटरेस का ये बयान तब आया है जब कोरोना से लड़ने में कारगर दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) को भारत दुनिया के 55 देशों को देने की प्रक्रिया में है. हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को अमेरिका की दवा नियामक संस्था एफडीए ने कोविड-19 के संभावित इलाज के रूप में पहचाना है. इस दवा का न्यूयॉर्क में 1500 से ज्यादा कोरोना मरीजों पर परीक्षण किया गया है. भारत में इस दवा का इस्तेमाल मलेरिया के इलाज में किया जाता है.
मदद करने वाले देशों का धन्यवाद-UN
भारत अमेरिका सहित कई देशों को मलेरिया-रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति कर रहा है. यूएन चीफ एंटोनियो गुटरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने शुक्रवार को कहा, "कोरोना वायरस के खिलाफ इस जंग में महासचिव एकजुटता का आह्वान करते हैं और इसका मतलब यह है कि जो भी देश अन्य देशों की मदद करने की स्थिति में हैं उन्हें ऐसा करना चाहिए. जो भी देश ऐसा कर रहे हैं, उन देशों को हम धन्यवाद करते हैं."
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कोरोना वायरस महामारी के बीच भारत द्वारा अन्य देशों को भेजी जा रही दवाओं और अन्य सामग्रियों के बारे में गुटरेस की प्रतिक्रिया मांगे जाने से जुड़े सवाल के जबाव में उन्होंने ये प्रतिक्रिया दी.
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दुनिया में बढ़ी HCQ की मांग
कोरोना वायरस संक्रमण दुनिया में फैलने के बाद इस दवा की मांग बढ़ गई है. बता दें कि भारत ने पहले इस दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा था. लेकिन कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने और दुनिया के कई देशों द्वारा इस दवा की मांग किए जाने के बाद भारत ने इस दवा के निर्यात से पाबंदी हटा ली.
पड़ोसी देशों को भी होगी सप्लाई
अमेरिका, मॉरीशस, सेशेल्स जैसे देशों को इस दवा की पहली खेप जा चुकी है, जबकि कई दूसरे देशों को कुछ ही दिनों में ये दवा मिलने वाली है. भारत ने अपने पड़ोसियों जैसे अफगानिस्तान, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव, श्रीलंका और म्यांमार को भी ये दवा देने की प्रक्रिया में है.