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राजस्थान: 15 दिन के कर्फ्यू से घबराए मजदूर, फिर आई गांव की याद, सड़कों पर उमड़ा हुजूम

कोरोना ने एक बार फिर दहशत का माहौल कायम कर दिया है. लॉकडाउन के डर के चलते मजदूर सबसे ज्यादा परेशान हैं. पिछले साल हुए लॉकडाउन के बाद कुछ हद तक पटरी पर लौटे जीवन में एक बार फिर उथल-पुथल शुरू हो गई है. कोरोना की दूसरी लहर को कंट्रोल करने के लिए लगाए गए कर्फ्यू से घबराए मजदूर को फिर से गांव की याद आने लगी है. 

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लॉकडाउन के डर से मजदूरों का पलायन शुरू
लॉकडाउन के डर से मजदूरों का पलायन शुरू
स्टोरी हाइलाइट्स
  • इस बार कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं मजदूर 
  • मजदूरों की प्राइवेट बस वालों के यहां लगी लंबी भीड़ 
  • लॉकडाउन के डर से घर जाना चाहते हैं मजदूर 

राजस्थान में कोरोना का कहर जारी है. रोज आते नए आंकड़ों से सरकार टेंशन में हैं. कोरोना की रफ्तार को रोकने के लिए 15 दिन का कर्फ्यू लगाया गया है, इसे लेकर श्रमिक टेंशन में आ गए हैं. हालांकि सरकार ने नए उद्योगों को छूट दे रखी है, लेकिन छोटे उद्योगों के बंद होने और लॉकडाउन के डर से बहुत से मजदूर बिहार और पश्चिम बंगाल की ओर पलायन करने लगे हैं. जयपुर की सड़कों पर वही नजारा फिर से दिखने लगा है, जो पिछले वर्ष लॉकडाउन के दौरान दिखाई दिया था. 

जयपुर की सड़कों पर मजदूर सिर पर कपड़ों और अन्य सामान की पोटली रखे हुए चलते नजर आ रहे हैं. कहीं बसों की ओर भागते, तो कई प्राइवेट वाहनों की ओर. रेलवे स्टेशन का हाल भी बेहाल हो चुका है. यहां भी बड़ी संख्या में मजदूर नजर आ रहे हैं. बिहार के मुजफ्फरपुर के चांद मोहम्मद ने बताया कि वह जयपुर के पुराने शहर में चूड़ियां बनाने का काम करता है. मगर कर्फ्यू के कारण दुकान बंद है. दुकान के सेठ ने साफ कहा है कि काम नहीं, तो पैसा भी नहीं, इसलिए अपने गांव वापस बिहार जा रहे हैं.

चांद का कहना है कि बिहार में भी हालात सही नहीं हैं, लेकिन वहां अपनों के बीच रहकर कम से कम सुकून तो मिलेगा. वहीं पश्चिम बंगाल के रहने वाले शमशेर ने बताया कि वह होटल में  काम करता है. कर्फ्यू की वजह से होटल बंद हो गया है, ऐसे में वह यहां बिना काम के क्या करेगा. शमशेर ने बताया कि पिछली बार वह बुरी तरह यहां फंस गया था. कोई आने जाने का साधन नहीं था. अभी गांव जाने का साधन आसानी से मिल रहा है, इसलिए सोच रहा हूं, कि घर ही चला जाऊं. 

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जयपुर में तेजी से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, जिसके चलते गहलोत सरकार ने तीन मई तक कर्फ्यू लगाया है. हालांकि उद्योगों को और निर्माण क्षेत्र को बहुत सी छूट दी गई हैं, लेकिन इसके बाद भी मजदूरों का पलायन जारी है. इन श्रमिकों को लॉकडाउन का डर सता रहा है. वहीं इस मामले में राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि लोगों की जान बचाना जरूरी है, इसलिए कर्फ्यू लगाया गया है. 

बता दें कि राजस्थान में पिछले तीन दिनों से बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ देखने को मिल रही है. सबसे ज्यादा चांदी प्राइवेट बस वालों की हो गई है, जिनके दफ्तरों के बाहर मजदूरों की भारी भीड़ देखी जा सकती है. मजदूरों का कहना है कि मजबूरी का फायदा उठाकर किराया भी ज्यादा ले रहे हैं, हालांकि राजस्थान सरकार ने इनके लिए भी पूरी व्यवस्था कर रखी है मगर फिर भी पिछली बार की कड़वी यादों की वजह से ये जाना चाहते हैं, मगर जिस तरह से घर जाने के लिए बसों के पीछे मारामारी हो रही है ऐसे में कोरोना का संक्रमण और तेजी से फैलने का डर भी सता रहा है. 

 

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