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राष्ट्र के नाम संदेश में वैक्सीन और कोविड नियंत्रण पर राज्य सरकारों को आईना दिखा गए पीएम मोदी

पीएम ने कहा कि मई में दो सप्ताह बीतते-बीतते कुछ राज्य खुले विचार से पुरानी व्यवस्था को लागू करने की बात को लेकर आगे आए. हालांकि ये अच्छी बात रही कि समय रहते राज्य पुनर्विचार की मांग के साथ फिर आगे आए.

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पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के नाम दिया संबोधन
पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के नाम दिया संबोधन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पीएम ने इशारों-इशारों में दिखाया राज्य सरकारों को आईना
  • 21 जून से 18+ को मुफ्त लगेगी वैक्सीन

देश में कोरोना संकट और महामारी के खिलाफ चल रहे वैक्सीनेशन के मद्देनजर पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्र के नाम संबोधन दिया. पीएम ने अपने संबोधन में जहां एक तरफ वैक्सीनेशन को लेकर एक बड़ा ऐलान किया कि आगामी 21 जून यानी योग दिवस से देश में 18 साल से ऊपर के सभी नागरिकों को मुफ्त में वैक्सीन मिलेगी. वहीं उन्होंने अपने संबोधन में राज्य सरकारों को वैक्सीन और कोविड नियंत्रण पर इशारों-इशारों में आईना भी दिखा दिया. 

पीएम मोदी ने कहा कि सवाल उठ रहे थे कि वैक्सीनेशन के लिए ऐज ग्रुप क्यों बनाए गए, उम्र की सीमा केंद्र क्यों तय कर रहा है. देश के मीडिया के एक वर्ग ने इसे कैंपेन के रूप में भी चलाया गया. इसके बाद चर्चा की गई और राज्यों की मांग को देखते हुए 16 जनवरी से चली आ रही व्यवस्था में बदलाव किया गया. तो हमने प्रयोग के तौर पर बदलाव किया और 25 प्रतिशत काम राज्यों को सौंप दिया गया.

उन्होंने कहा कि एक मई से राज्यों को काम 25 प्रतिशत सौंप दिए गए.राज्यों ने भी प्रयास भी किया. जिसके बाद राज्यों को इस काम की कठिनाई का पता चला. वैक्सीन की विश्व में क्या स्थिति है, इससे राज्य भी परिचित हुए. इसके बाद कई राज्यों ने कहा कि पहले जैसी ही व्यवस्था लागू होनी चाहिए. 

पीएम ने कहा मई में दो सप्ताह बीतते-बीतते कुछ राज्य खुले विचार से पुरानी व्यवस्था को लागू करने की बात को लेकर आगे आए. हालांकि ये अच्छी बात रही कि समय रहते राज्य पुनर्विचार की मांग के साथ फिर आगे आए. राज्यों की इस मांग पर हमने भी सोचा कि देशवासियों को तकलीफ ना हो और सुचारू रूप से उन्हें वैक्सीन मिल सके इसके लिए हमने फिर से एक मई से पहले वाली व्यवस्था लागू कर दी. 


वहीं बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए कहा कि पीएम विनम्र थे. लेकिन उनका संदेश जोरदार और स्पष्ट था. विपक्षी शासित राज्यों ने टीकों की मांग की, लेकिन वितरित नहीं कर सके. इसलिए केंद्र को फिर से कदम उठाना होगा जिसमें राज्यों सरकारों को वैक्सीन मुहैया करा रही थी. 




इससे पहले पीएम मोदी ने सोमवार को अपने संबोधन में कहा कि आज यह निर्णय लिया गया है कि राज्यों के पास वैक्सीनेशन से जुड़ा जो 25 प्रतिशत काम था उसकी जिम्मेदारी भी केंद्र सरकार उठाएगी. यह व्यवस्था आने वाले दो सप्ताह में लागू की जाएगी. 

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