कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई में भारत को ब्रिटेन का साथ मिला है. ऐसे में रविवार को वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर की पहली खेप यूके से रवाना भी हो गई, जो मंगलवार तड़के सुबह तक दिल्ली पहुंचेगी. बताया जा रहा है कि भारत ने ब्रिटेन से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मदद मांगी थी, जिसके बाद ब्रिटिश सरकार ने भारत को मदद देने का फैसला किया. बता दें कि ब्रिटेन ने भारत को 600 ऐसे इक्विपमेंट्स भेजने की घोषणा की है, जो कोरोना के खिलाफ लड़ाई में काम आएंगे.
जानकारी के मुताबिक, कुल मिलाकर 9 कंटेनर भारत आएंगे, जिनमें 495 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स, 120 नॉन-इन्वेसिव वेंटिलेटर्स और 20 मैनुअल वेंटिलेटर्स आएंगे. ये इक्विपमेंट्स कई मरीजों की जान बचाने में मददगार साबित होंगे.
इसके अलावा खबर है कि ऑक्सीजन एक्सप्रेस भी जल्द ही दिल्ली पहुंचने वाली है. बताया जा रहा है कि यह ऑक्सीजन एक्सप्रेस दिल्ली के कैंट रेलवे स्टेशन पर देर रात 02:30 am से 03:00 के बीच पहुंचने के अनुमान हैं. वहीं 6 लोडेड टैंकरों के साथ मध्य प्रदेश (भोपाल और जबलपुर) के लिए पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस,देर रात लगभग 1 से 2 बजे के बीच बोकारो से रवाना होगी.
ऑपरेशन 'ऑक्सीजन दोस्ती'
बता दें कि ऑक्सीजन की कमी से उबरने के लिए केन्द्र सरकार ने ऑपरेशन ऑक्सीजन दोस्ती की शुरुआत की है, जिसमें अडानी समूह ने आयात कर मंगाई 80 मीट्रिक टन तरल ऑक्सीजन, कच्छ के मुंद्रा बंदरगाह पर पहुंच गई है. इसके अलावा बड़ी संख्या गैस सिलेंडर भी आने वाले हैं. वहीं जानकारी के मुताबिक सरकार ने बड़ी संख्या में पाइप आदि अन्य जरूरी सामान भी आयात किया है.
सिंगापुर और सऊदी अरब भी साथ आए
ब्रिटेन के अलावा कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ सिंगापुर और सऊदी अरब भी आ गए हैं. सऊदी अरब ने 80 मीट्रिक टन लिक्विड ऑक्सीजन भारत भेजने का फैसला लिया है. वहीं, सिंगापुर से भी शनिवार को ही वायुसेना 4 ऑक्सीजन टैंकर एयरलिफ्ट करके लेकर आई है. शनिवार को वायुसेना के C-17 विमान से चार खाली क्रायोजेनिक ऑक्सीजन कंटेनर भारत पहुंचे हैं.