कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में रेलवे 'संकटमोचक' की भूमिका निभा रही है. ऑक्सीजन एक्सप्रेस के जरिए रेलवे देश के अलग-अलग राज्यों में ऑक्सीजन पहुंचा रही है. रेलवे की मदद मिलने से ऑक्सीजन टैंकर के आने-जाने का वक्त काफी कम हो गया है.
रेलवे की तरफ से 19 अप्रैल को पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाई गई थी. पहली ट्रेन खाली टैंकर लेकर मुंबई से विशाखापट्टनम तक गई थी और वहां से ऑक्सीजन लोड कर लेकर आई थी. उसके बाद से रेलवे ने अपना दायरा बढ़ाया और महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और हरियाणा समेत कई राज्यों तक ऑक्सीजन डिलीवर की.
रेलवे की मानें तो इस वक्त दो ट्रेनें रास्ते में हैं और कुछ ही देर में पहुंचने वाली हैं. ऐसा माना जा रहा है कि अगले 24 घंटे में रेलवे ऑक्सीजन ढुलाई का आंकड़ा 640 मीट्रिक टन पार कर देगा. यानी, महज 10 दिन में ही रेलवे की तरफ से 640 मीट्रिक टन ऑक्सीजन पहुंचाई जा चुकी है.
आज ही कार्गो फ्लाइट के जरिए दो खाली ऑक्सीजन टैंकर अंगुल (ओडिशा) पहुंचे हैं. यहां से स्टील प्लांट से इनमें ऑक्सीजन भरी जाएगी और फिर आज रात को ही हरियाणा के लिए रवाना हो जाएगी. इसके साथ ही हरियाणा में कल पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस पहुंच जाएगी. तेलंगाना सरकार ने भी रेलवे से ऑक्सीजन एक्सप्रेस की मांग की है. जिसके बाद 5 टैंकरों को लादकर एक ट्रेन सिकंदराबाद (तेलंगाना) से कल अंगुल पहुंचेगी.
ऑक्सीजन संकट को दूर करने के लिए रेलवे मिशन मोड में काम कर रही है. रेलवे अभी राज्यों की डिमांड पर काम ऑक्सीजन एक्सप्रेस चला रही है. जिस राज्य की तरफ से मांग होती है, वहां से खाली टैंकर लेकर रेलवे ऑक्सीजन भरकर डिलीवर करती है.