कोविड-19 की दूसरी लहर में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं एकदम चरमरा गईं. इसके अलावा दवाइयों की कमी एक बहुत बड़ी विफलता के रूप में सामने आई. मोदी सरकार ने कोविड-19 की तीसरी लहर की संभावना के मद्देनजर अभी से कोविड मरीज़ों के इलाज से जुड़ी सभी दवाइयों के उत्पादन और मार्केटिंग की मॉनिटरिंग शुरू कर दी है. ये कदम इसलिए उठाया गया है कि इन दवाइयों की कालाबाजारी ना हो सके.
मोदी सरकार कोविड ट्रीटमेंट में प्रोटोकॉल ड्रग्स और गैर प्रोटोकॉल ड्रग्स के उत्पादन को बढ़ाने के लिए लगातार मैन्युफ़ैक्चरिंग कंपनियो से बात कर रही है. इसका समन्वय रसायन और उर्वरक मंत्रालय कर रहा है. मंत्रालय ने रेमडेसिविर की मांग को देखते हुए मैन्युफ़ैक्चरिंग कंपनियो से बात करके उसका उत्पादन बढ़वाया है. इस साल के अप्रैल तक 3 लाख रेमडेसिविर वायल का उत्पादन होता था. अब उसकी मैन्युफ़ैक्चरिंग यूनिट 20 से बढ़ाकर 60 कर दी गई हैं. इससे अब 1 करोड़ 10 लाख वायल का उत्पादन हो रहा है. इसी तरह Favipiravir का एक महीने में 4 गुना उत्पादन बढ़ा है. ये 326.5 लाख से बढ़कर 1644 लाख यूनिट हो गया.
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Black fungus में इस्तेमाल आने वाले Amphatericine B इंजेक्शन का उत्पादन भी एक महीने में 3 गुना बढ़ा है. अब 3 लाख 80 हज़ार बोतल का उत्पादन हो रहा है. इसके अलावा 3 लाख बोतल का आयात किया जा रहा है. फ़िलहाल देश में Amphatericine B इंजेक्शन की कुल 6.80 लाख बोतल उपलब्ध होंगी. इसी तरह Ivermectin 12 mg का उत्पादन देश में एक महीने के भीतर 5 गुना बढ़ा है. यह अप्रैल में 150 लाख यूनिट था, मई महीने में इसका उत्पादन 770 लाख होने का अनुमान है. इसी प्रकार Enoxaparin Injection का उत्पादन मात्र एक महीने में 4 गुना और Methyl Pradnisiolone injection का 3 गुना उत्पादन बढ गया है.
इसी प्रकार Dexamethasone 0.5 mg टेबलेट्स का एक महीने के भीतर उत्पादन 6-8 गुना से बढ़ा है. Dexamethasone Injection का उत्पादन भी लगभग 2 गुना बढ़ गया हैं. Toscilizumab injection भारत में बनता हैं. कोविड-19 महामारी आने से पहले Toscilizumap injection की हर साल 1000 से 1500 यूनिट तक ही जरूरत होती थी. लेकिन मांग बढ़ने पर सरकार ने ऐसे 25,000 इंजेक्शन आयात किए हैं. कोविड-19 की दूसरी लहर में मरीजों में जिस तरह Mucormycosis यानि ब्लैक फ़ंगस के मामले सामने आ रहे हैं, उस खतरे को देखते हुए रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने मैन्युफ़ैक्चरिंग कंपनियो के साथ Amphatericine B इंजेक्शन का उत्पादन बढ़ाने के लिए बैठक की है. उम्मीद हैं मई के अंत तक इसका उत्पादन 25 लाख से 30 लाख तक हो जायेगा जो पहले प्रतिवर्ष 50 हजार ही था.