scorecardresearch
 

कोरोना महामारी के दौरान कैसे निपटे पुलिस, केरल पुलिस ने तैयारी की SOP

कोविड-19 महामारी के दौरान ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों के लिए केरल पुलिस ने 58 पन्नों की एसओपी तैयार की है. विरोध प्रदर्शनों से लेकर शवों को किस तरह से उठाना है, हर विषय पर दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं. इस एसओपी में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी हर दिशा-निर्देशों का ध्यान रखा गया है.

Advertisement
X
केरल पुलिस के लिए जारी हुई SOP (तस्वीर-PTI)
केरल पुलिस के लिए जारी हुई SOP (तस्वीर-PTI)

  • कोरोना वायरस से जूझ रहा है केरल
  • पुलिस ने तैयार की 58 पन्नों की SOP
कोविड-19 महामारी ने दुनिया के प्रति लोगों के नजरिए को बदल दिया है. जिन संस्थाओं पर कानून व्यवस्था को बनाए रखने का भार है, उन्हें बेहद तेजी से खुद को अपडेट करना पड़ रहा है. केरल पुलिस संकट के इस दौर में अलग तरह के स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) लेकर आई है. इन प्रक्रियाओं का पालन सभी तरह की पुलिस कार्यवाही के दौरान होगा.

58 पेज के इस एसओपी में कोरोना वायरस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देशों का पालन किया गया है. इस एसओपी में किसी की गिरफ्तारी से लेकर दुर्घटना में मृत व्यक्ति के शव को किस तरह से डील करना है, इस बात का जिक्र किया गया है. बीट कांस्टेबल से लेकर पुलिस के उच्चाधिकारियों तक हर किसी के लिए एक गाइडलाइन जारी की गई है.

Advertisement

साथ ही इस एसओपी में इस बात का जिक्र किया गया है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम की क्लीनिंग कैसे होती है, कैसे मोबाइल साफ करना है इन सब की विस्तृत जानकारी दी गई है. प्रवासी मजदूरों के संकट के दौर में जहां दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों का गुस्सा फूट रहा है, वहीं केरल पुलिस एसओपी के हिसाब से ही उनकी नाराजगी पर कैसे नियंत्रण रखना है, किस तरह से भीड़ को हटाना है, इन सब पर काम कर रही है. कोरोना संकट के दौर में एसओपी में परेड मार्च, प्रोटेस्ट, अचानक जमा हुई भीड़ सब को नियंत्रित करने के उपाय बताए गए हैं.

कोरोना पर फुल कवरेज के लि‍ए यहां क्ल‍िक करें

विशेषज्ञों ने तैयार की है गाइडलाइन

केरल के डीजीपी लोकनाथ बहेरा ने कहा, 'एसओपी तैयार करते वक्त हमने यह ध्यान रखा है कि यह महामारी जल्द जाने वाली नहीं है. अगर हालात ठीक भी होते हैं तो आने वाले समय में भी यही एसओपी बनी रहेगी.'

गाइडलाइन तैयार करते वक्त स्वास्थ्य विशेषज्ञों से सलाह ली गई, जिससे कांस्टेबल तक हर बात सही से पहुंच सके. गुरुवार से शुरू हुए इस एसओपी के तहत 511 पुलिस स्टेशनों को कवर किया जाएगा, साथ ही यह 62,000 पुलिसकर्मियों को कवर करेगा.

Advertisement

विरोध प्रदर्शन पर भी मिले निर्देश

राज्य में बैरिकेड लगाते वक्त उन्हें डि-इन्फेक्ट करना होगा. इन्हें लगाते वक्त मास्क, हैंड सैनिटाइजर, दस्ताना और फेस कवर बेहद जरूरी होगा. जैसे ही विरोध प्रदर्शन की जगह खाली होगी, वैसे ही उस जगह को सैनिटाइज किया जाएगा.

देश-दुनिया के किस हिस्से में कितना है कोरोना का कहर? यहां क्लिक कर देखें

इसके अलावा केरल पुलिस के इस एसओपी में आरोपियों की पेशी से लेकर प्रदर्शनकारियों को हटाने तक निर्देश जारी किए गए हैं. विरोध प्रदर्शन में जमा हुई भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को पीपीई किट पहनने होंगे. पुलिसकर्मियों को किसी भी नागरिक को छूने का निर्देश नहीं दिया गया है.

जुलूस में 2 मीटर की दूरी अनिवार्य

किसी भी तरह के जुलूस के लिए आयोजकों को पहले पुलिस को सूचित करना होगा, फिर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य होगा. दो लोगों के बीच प्रोटेस्ट के दौरान भी 2 मीटर की दूरी होनी चाहिए. इन सब दिशा-निर्देशों पर एक वरिष्ठ अधिकारी के पास जांच की जिम्मेदारी होगी.

अब रिजर्व बैंक ने भी माना, इस साल नेगेटिव रहेगी भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'केरल में विरोध-प्रदर्शन आम है. लॉकडाउन के दौरान अब तक 1.90 लाख लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. ज्यादातर को तत्काल जमानत दे दी गई. लेकिन प्रोटेस्ट होते रहते हैं. ऐसे में ऐसी स्थिति से निपटने में एसओपी तैयार की गई है. 5 से ज्यादा की संख्या में जुटे हुए लोगों को तत्काल हटा दिया जाए.'

Advertisement

पूछताछ के दौरान 2 मीटर की दूरी जरूरी

किसी भी मामले की जांच के दौरान अधिकारी संदिग्ध या आरोपी से कम से कम 2 मीटर की दूरी बनाकर रहेंगे. अधिकारी और आरोपी दोनों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा. दुर्घटना में मारे गए शख्स की लाश की उठाते वक्त व्हील चेयर, एंबुलेंस और स्पाइन बोर्ड अनिवार्य होगा. क्राइम सीन के फोटो ग्राफ के लिए पुलिसकर्मियों को अपने फोन का इस्तेमाल करना होगा. उन्हें मेडिकल टीम इस दौरान निर्देशित करेगी. लाश से अधिकारी को कम से कम संपर्क में आना होगा.

Advertisement
Advertisement