भारत में कोरोना वैक्सीन के लिए जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson Corona Vaccine) ने जो प्रपोजल दिया था, उसे अब वापस ले लिया है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के सूत्रों की ओर से ये जानकारी दी गई है. वहीं, जॉनसन एंड जॉनसन ने आवेदन वापस लेने के बाद आधिकारिक बयान जारी किया.
कंपनी ने बयान जारी कर कहा, जॉनसन एंड जॉनसन भारत के लोगों के लिए अपनी एक डोज वाली कोरोना वैक्सीन लाने के लिए प्रतिबद्ध है. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने हाल ही में कहा था कि भारत में कोरोना वैक्सीन के लिए ब्रिजिंग क्लिनिकल अध्ययन करने की जरूरत नहीं है, ऐसे में जॉनसन एंड जॉनसन ने इन स्टडीज को करने के लिए अपना आवेदन वापस ले लिया. हम भारत सरकार के साथ चल रही बातचीत के लिए तत्पर हैं और उन संभावनाओं को तलाशने की कोशिश में लगे रहेंगे कि भारत में जॉनसन एंड जॉनसन कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता कैसे बढ़ाई जाए.
अभी भारत में सिर्फ एक ही विदेशी वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो रूस की स्पुतनिक-वी है. इसके अलावा भारत में मॉडर्ना, फाइज़र समेत अन्य वैक्सीन की एंट्री पर काम चल रहा है. लेकिन अभी तक किसी को भी मंजूरी नहीं मिली है. भारत अभी तक सिर्फ तीन वैक्सीन का इस्तेमाल कर रहा है, जिनमें कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक-वी शामिल हैं.
आपको बता दें कि जॉनसन एंड जॉनसन दुनिया की जानी-मानी कंपनी है, जो मेडिकल से जुड़े प्रोडक्ट बनाती है. कंपनी के मुताबिक, उनकी कोरोना वैक्सीन की सिंगल डोज़ 85 फीसदी कारगर है. कंपनी का दावा है कि उनकी वैक्सीन साउथ अफ्रीका, ब्राजील वैरिएंट पर भी कारगर है.
गौरतलब है कि भारत में इस साल जनवरी में वैक्सीनेशन का अभियान चल रहा है. देश में अभी तक 47 करोड़ के करीब वैक्सीन की डोज़ दी जा चुकी हैं, जबकि करीब 10 करोड़ लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज़ लग चुकी हैं. देश में रोज़ाना एक दिन औसतन 50 लाख वैक्सीन की डोज़ लगाई जा रही हैं.