
उत्तर प्रदेश के साथ ही राजधानी लखनऊ में भी कोरोना संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. वहीं इस बीच वैक्सीनेशन को भी रफ्तार दी जा रही है, लेकिन इस बीच बड़ा सवाल ये खड़ा हो गया कि रमजान के पवित्र महीने में रोजा के दौरान क्या कोरोना का वैक्सीन लिया जा सकता है या नहीं. इसे लेकर दारुल उलूम फरंगी महल ने फतवा जारी किया है.
टीका लगवाने में नहीं करें देरी
दारुल उलूम फरंगी महल से जारी फतवे में कहा गया है कि कोरोना वैक्सीन इंसानी बदन की रगों में दाखिल होता है ना कि पेट के अंदर. इसलिए वैक्सीन लगवाने से रोजा नहीं टूटेगा. मुसलमानों को केवल रोजे की वजह से कोविड-19 का टीका लगवाने में देरी नहीं करनी चाहिए.
दारुल इफ्ता से किया गया था सवाल
दारुल उलूम फिरंगी महल के इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया से जारी पत्र में कहा गया है कि मध्य प्रदेश के भोपाल निवासी अब्दुर्र रशीद किदवई ने दारुल इफ्ता से यह सवाल किया था कि जब कोरोना संक्रमण जैसी भयंकर महामारी अपने चरम पर है. इससे बचाव के लिए कोरोना वायरस की पहली वैक्सीन ले ली है. वहीं दूसरी वैक्सीन के लिए जो समय दिया गया है, वो रमजान के बीच में है. इसलिए मालूम ये करना है कि क्या रोजे के समय वैक्सीन की दूसरी डोज ली जा सकती है.

इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया से मिला जवाब
इस सवाल का जवाब देते हुए दारुल उलूम फिरंगी महल के इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया की ओर से फतवा जारी किया गया है. जिसमें साफ कहा गया है कि कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लेने से रोजा नहीं टूटेगा. इसलिए कोरोना की महामारी से बचने के लिए वैक्सीन जरूर लगवाएं. इस फतवे पर इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद समेत कई मौलानाओं ने अपने हस्ताक्षर भी किए हैं.