कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों के शवों के साथ हो रही घोर लापरवाही के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार और तीनों एमसीडी को नोटिस दिया है. कोर्ट ने इस मामले में सभी को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के भी निर्देश दिए हैं. हाई कोर्ट ने कहा कि इस मामले में 2 जून को दोबारा सुनवाई की जाएगी.
दिल्ली हाई कोर्ट ने जयप्रकाश नारायण अस्पताल का मोर्चरी में शवों के रखरखाव, श्मशान घाट से वापस भेजे गए शवों को लेकर गुरुवार को स्वत संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार और तीनों एमसीडी को तलब किया था.
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दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को कोर्ट को बताया कि दिल्ली में एक साथ कोरोना के मरीजों का आंकड़ा बढ़ने के कारण ऐसी स्थिति आई. दिल्ली सरकार ने कोर्ट को बताया है कि फिलहाल श्मशान घाट पर काम कर रहे कर्मचारियों के काम के घंटे बढ़ा दिए गए हैं. अब सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक शवों का दाह संस्कार किया जा रहा है.
दिल्ली सरकार ने यह भी बताया कि सीएनजी से चलने वाले शवदाह गृह में कुछ भट्टियों के काम नहीं करने के कारण कुछ शव वापस मोर्चरी ले जाने पड़े थे.
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दिल्ली सरकार ने यह भी बताया कि फिलहाल सीएनजी से शवों के अंतिम संस्कार के अलावा लकड़ियों से दाह संस्कार की भी इजाजत दे दी गई है. दिल्ली में पंजाबी बाग समेत दो और जगहों के श्मशान घाट भी अंतिम संस्कार के लिए खोल दिए गए हैं.
दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को कोर्ट को यह भी बताया कि कोविड-19 के बहुत सारे ऐसे शवों को लेने के लिए लोगों के परिजन मोर्चरी तक नहीं आए. ऐसे में शव इकट्ठे होते चले गए और मोर्चरी में शवों की संख्या क्षमता से कहीं ज्यादा हो गई.
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