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मिशन वंदे भारत में भेदभाव? MEA का जवाब- क्वारनटीन की व्यवस्था करे बंगाल सरकार!

विदेश मंत्रालय की ओर से मिशन वंदे भारत पर बंगाल के मंत्री द्वारा उठाए गए सवाल पर जवाब दिया गया है. विदेश मंत्रालय का कहना है कि विदेश से भारतीयों को वापस लाने में कोई भेदभाव नहीं हुआ है.

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बंगाल सरकार की ओर से उठाए गए थे सवाल
बंगाल सरकार की ओर से उठाए गए थे सवाल

  • मिशन वंदे भारत पर बंगाल के मंत्री ने उठाए सवाल
  • विदेश मंत्रालय का जवाब- कोई भेदभाव नहीं
कोरोना संकट काल की वजह से अलग-अलग देशों में फंसे हुए भारतीयों को वतन वापस लाया जा रहा है. वंदे भारत मिशन के तहत हजारों भारतीय वापस भी आ चुके हैं, इस बीच पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री ने आरोप लगाया है कि विदेश मंत्रालय बंगाल के लोगों के साथ भेदभाव कर रहा है. जिस पर अब विदेश मंत्रालय की ओर से जवाब दिया गया है.

पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री पार्थ बनर्जी ने लिखा, ‘क्या विदेश मंत्रालय हमें ये कह रहा है कि जॉर्जिया से लोगों को गुजरात लाया जा सकता है, लेकिन कोलकाता नहीं. वहीं, लोग किर्गिस्तान से बिहार आ सकते हैं, लेकिन बंगाल नहीं. विदेश मंत्रालय को ये भेदभाव रोकना चाहिए.

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जिसपर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने जवाब दिया है. उन्होंने लिखा, ‘विदेश मंत्रालय राज्यों के बीच भेदभाव नहीं करता है. भारत सरकार की ओर से वंदे भारत मिशन विदेश में फंसे भारतीयों के लिए है, उसमें बंगाल के लोग भी शामिल हैं. दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से 3700 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है जो वापस आने के लिए तैयार हैं.

अनुराग श्रीवास्तव ने लिखा कि हम फ्लाइट की व्यवस्था करवाने के लिए तैयार हैं, अगर आपकी सरकार क्वारनटीन और उन्हें रिसीव करने का भरोसा दे. इसके अलावा पड़ोसी मुल्कों में बॉर्डर पर जो बंगाल के नागरिक फंसे हैं, उन्हें भी वापस लाने में मदद करेंगे. हमें उम्मीद है कि आप इसका जल्द जवाब देंगे.

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गौरतलब है कि कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच कई मसलों पर केंद्र और बंगाल सरकार की ठनी हुई है. पहले मजदूरों को लेकर श्रमिक ट्रेनों को लेकर विवाद हुआ, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ममता सरकार को चिट्ठी लिखी, साथ ही रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी ममता सरकार पर आरोप लगाया. इसके बाद गुरुवार को श्रमिकों के लिए 100 से अधिक ट्रेनों की मंजूरी दी गई.

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