पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हमेशा ही अपने अलग अंदाज के लिए जानी जाती हैं. कोरोना वायरस के संकट काल में एक बार फिर ममता बनर्जी ने कलम चलाई है और एक कविता लिख दी. पश्चिम बंगाल ने बीते दिनों कोरोना संकट, चक्रवाती तूफान जैसी समस्याएं झेली हैं, जिसको लेकर सीएम ने कविता लिखी. इसमें दुनिया में चल रहे धुंधलेपन के अनुभव और मुश्किलों को सामने रखा है.
ममता बनर्जी ने ये कविता अंग्रेजी और बंगाली भाषा में अपने फेसबुक अकाउंट पर डाली. कविता का शीर्षक ‘Pale’ है, यानी फीका या धुंधलापन. जिसमें उन्होंने कोरोना संकट काल में मानव जाति को किस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, ये पूरा सफर कितना कठिन रहा और किस तरह लोगों के जीवन को इसने बदल दिया.
अंत में ममता बनर्जी कोरोना संकट, विरोधियों पर तंज के साथ-साथ पर्यावरण का मुद्दा उठाती हैं और लिखती हैं कि ये वक्त कब सही होगा, इसका सिर्फ इंतजार ही हो रहा है.
आपको बता दें कि ममता बनर्जी इससे पहले भी कई बार कविताएं, कहानी और लेख लिख चुकी हैं. उनके नाम से अबतक करीब सौ किताबें छप चुकी हैं, जिनमें उन्होंने बंगाली कविताएं, किस्से, कहानियां और राजनीति के ऊपर लिखा है.
देश में कोरोना से मौत का आंकड़ा 48 हजार पार, 24 लाख से ज्यादा संक्रमित
गौरतलब है कि कोरोना संकट के कारण बंगाल में काफी नुकसान हुआ है, राज्य में अबतक एक लाख से अधिक केस सामने आ चुके हैं. जबकि दो हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, बंगाल में इस वक्त करीब तीस हजार केस एक्टिव हैं. कोरोना संकट के बीच कुछ दिनों पहले चक्रवाती तूफान भी आया था, जिसने कोलकाता समेत अन्य शहरों में तबाही मचा दी थी.