लॉकडाउन में भी दिल्ली महिला आयोग की 24 घंटे सेवा जारी है. इस दौरान रोजाना 1400 के करीब फोन कॉल रिसीव किए जा रहे हैं, इस दौरान महिला पंचायत की टीमें भी मदद कर रही हैं. इसके जरिए कई महिलाओं को राशन, जरूरत का सामान पहुंचाया जा रहा है.
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दिल्ली महिला आयोग की हेल्पलाइन 181 को औसतन प्रतिदिन 1500-1800 कॉल मिलती हैं. लॉकडाउन के दौरान, आयोग को 26 मार्च से 31 मार्च के बीच अत्यधिक कॉल मात्रा प्राप्त हुईं. आयोग को 27 मार्च को 4,341 कॉल, 28 मार्च को 5522 कॉल और 29 और 30 मार्च को 3,000 से अधिक कॉल मिलीं. 1 अप्रैल के बाद, आयोग को प्रति दिन लगभग 1300 से 1500 कॉल प्राप्त हो रहे हैं.
हालांकि, इन फोन कॉल में सबसे ज्यादा मामले लॉकडाउन के कन्फ्यूज़न को लेकर हैं. जिसमें महिलाओं की ओर से आयोग से मदद मांगी जा रही है. जबकि घरेलू हिंसा में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं हुई है, हालांकि कमीशन का कहना है कि इससे बिल्कुल निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता है.
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दिल्ली महिला आयोग के मुताबिक, 12 से 24 मार्च के बीच सेक्सुअल असॉल्ट, छेड़छाड़ से जुड़ी 6 शिकायतें आती थीं. लेकिन अब ये घटकर सिर्फ 2-3 पर ही रह गई हैं. वहीं रेप के जो भी केस रिपोर्ट होते थे, उनमें करीब 71 फीसदी की कमी आई है. किडनैपिंग के मामलों में भी 90 फीसदी की कमी दर्ज की गई है.
दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल का कहना है कि राजधानी में लॉकडाउन के कारण ऐसे मामलों में कमी आई है, लेकिन अभी भी ये चिंता का विषय है कि ऐसी परिस्थिति में भी एक-दो मामले रोज सामने आ रहे हैं. हम हर केस को देखते हुए दिल्ली पुलिस के साथ काम कर रहे हैं.