मध्य प्रदेश में कोरोना के आंकड़े डराने लगे है. मंगलवार को यहां बीते 24 घंटे में कोरोना के करीब 9 हजार नए मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी बुलेटिन में बताया गया है कि बीते 24 घंटे में एमपी में कोरोना के 8,998 नए मामले सामने आए हैं. 40 लोगों की मौत भी हुई है. कोरोना के मामलों में ये इस साल का अब तक का सबसे बड़ा उछाल है.
एमपी में सबसे ज्यादा मामले इंदौर में सामने आए. यहां 1,552 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. दूसरे नंबर पर राजधानी भोपाल है, जहां 1,456 मामले आए हैं. उसके बाद 576 मामले ग्वालियर में और 552 मामले जबलपुर में सामने आए हैं. मंगलवार को मध्य प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट भी बढ़कर 19.3% हो गया, जो इससे पहले सोमवार को 16.9% था. यानी, मंगलवार के दिन हर 100 टेस्ट में से 20 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई.
एक महीने में कोरोना ने कितना कहर बरपाया है, इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि 13 मार्च तक एमपी में 4,512 एक्टिव केस थे, जो 13 अप्रैल तक बढ़कर 43,539 हो गए. एमपी में अब तक 3,53,632 मामले सामने आ चुके हैं. 4,261 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 3,05,832 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं.
कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण की रफ्तार बेहद तेज़
मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण की रफ्तार कितनी तेज़ है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल पहली लहर में मध्यप्रदेश में कोरोना को 8,900 का आंकड़ा पार करने में जुलाई तक का समय लगा था, जबकि इस साल दूसरी लहर में कोरोना ने 8,900 का आंकड़ा अप्रैल में ही पार कर दिया है.
10वीं और 12वीं के बोर्ड एग्जाम टल सकते हैं
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा भी टल सकती हैं. एमपी बोर्ड की तरफ से जारी सर्कुलर के मुताबिक फिलहाल 10वीं बोर्ड की परीक्षा 30 अप्रैल से शुरू होनी है तो वहीं 12वीं बोर्ड की परीक्षा 1 मई से संचालित होनी है. परीक्षाओं को टालने के संकेत स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने दिए हैं.
इस बारे में 'आजतक' से बात करते हुए स्कूली शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि 'कोरोना का संक्रमण इन दिनों बहुत तेज़ी से फैल रहा है. कई शहरों में सरकार को लॉकडाउन लगाना पड़ा है ऐसे में स्कूली छात्रों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं किया जा सकता. अगर छात्र परीक्षा देने आए और एक भी छात्र संक्रमित हुआ तो अन्य छात्रों और स्कूली स्टाफ के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाएगा. फिलहाल हमने नई तारीखों को लेकर फैसला तो नहीं किया है, लेकिन परीक्षा को स्थगित करना लगभग तय है और मेरा मानना है कि हम 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षा को जून तक के लिए टाल सकते हैं. हालांकि इसका फैसला अगले हफ्ते होने वाली बैठक में लिया जाएगा'.
इसके अलावा इंदर सिंह परमार ने बताया कि 17 अप्रैल से शुरू होने वाले प्रैक्टिकल एग्जाम को स्थगित नहीं किया गया है, लेकिन इसमें समय की सीमा को खत्म कर दिया गया है. अब छात्र 17 अप्रैल से लेकर 15 मई तक कभी भी अपनी सुविधानुसार प्रैक्टिकल एग्जाम दे सकते हैं.