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'कोरोना से बचाने धरती पर आईं दो परियां', अफवाह पर उमड़े लोग, सोशल डिस्टेंसिंग ताक पर

दुनियाभर के वैज्ञानिक इस वायरस को मात देने के लिए वैक्सीन बनाने में जुटे हैं, एक्सपर्ट्स बार-बार मास्क पहनने, हाथ धोने या सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की दुहाई दे रहे हैं. लेकिन भारत के कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां इन सब वैज्ञानिक मान्यताओं पर अंधविश्वास भारी पड़ रहा है.  

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कोरोना भगाने के लिए रांची में हुआ हवन
कोरोना भगाने के लिए रांची में हुआ हवन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • विज्ञान पर भारी पड़ रहा है अंधविश्वास
  • रांची में कोरोना विनाशक हवन का आयोजन

कोरोना वायरस महामारी ने पिछले करीब डेढ़ साल से दुनियाभर में प्रकोप फैलाया हुआ है. दुनियाभर के वैज्ञानिक इस वायरस को मात देने के लिए वैक्सीन बनाने में जुटे हैं, एक्सपर्ट्स बार-बार मास्क पहनने, हाथ धोने या सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की दुहाई दे रहे हैं. लेकिन भारत के कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां इन सब वैज्ञानिक मान्यताओं पर अंधविश्वास भारी पड़ रहा है.  

बार-बार ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं, जहां पर लोगों को वैक्सीन या किसी इलाज से ज्यादा अपनी मान्यताओं पर भरोसा है. और ऐसा करके खुद के साथ-साथ दूसरे लोगों को भी संकट में डालने की तैयारी कर रहे हैं. 

कोरोना भगाने आईं परियां
मध्य प्रदेश के राजगढ़ में ही एक अफवाह के चलते सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ गईं. राजगढ़ में अनलॉक होते ही परियों के पानी से कोरोना ठीक होने की अफवाह उड़ते ही मंदिर के बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. भीड़ में महिलाओं और पुरूष की बड़ी संख्या थी, ये सभी सोशल डिस्टेसिंग का पालन न करते हुए अंधविश्वास के चलते घरों से बाहर निकल आए. 


यहां चाटूखेड़ा गांव में अफवाह फैली को दो महिलाओं के शरीर में देवपरियां आ गई हैं. इन परियों से जो जल का छींटा लेगा, उसे कोरोना नहीं होगा. बस अफवाह फैलने की देरी थी और हजारों की संख्या में लोग यहां आने लगे और इसी का पालन करने लगे. जब पुलिस मौके पर पहुंची तो भीड़ को हटाया और बाद में महिलाओं पर एफआईआर दर्ज की गई. 

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कोरोना विनाशक हवन कार्यक्रम...
इसका उदाहरण झारखंड के रांची में देखा जा सकता है. जहां पर स्थानीय लोगों ने कुछ संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर कोरोना विनाशक हवन का आयोजन किया. इस दौरान करीब तीन घंटे तक हवन-पूजा की गई, मंत्रोच्चार किया गया. रांची के बुंडू में एकल अभियान द्वारा यज्ञ का आयोजन किया गया. 

एकल अभियान के प्रमोद सिंह ने बताया कि यज्ञ हवन से संक्रमण फैलाने वाले वायरस का नाश होता है. इसी तरह से कोरोना के भी वायरस का नाश हो जाएगा. यहां मंदिर के पुजारी मोहित मुखर्जी ने बताया कि गीता के सोलहवें अध्याय के 1056वें श्लोक में यज्ञ हवन विधान का उल्लेख किया गया है, इससे भारत ही नहीं पूरे विश्व के लिए यह हवन यज्ञ कल्याणकारी होगा.

क्लिक करें: 'वैक्सीन लगवाई तो मर जाएंगे', टीकाकरण को लेकर गांवों में डर, अंधविश्वास और अफवाह का माहौल


मध्य प्रदेश के राजगढ़ में वैक्सीन से दूरी...
रांची में लोग कोरोना को भगाने के लिए हवन कर रहे थे, तो वहीं मध्य प्रदेश के राजगढ़ में वैक्सीन लेने से डर रहे हैं. यहां प्रशासन की ओर से अलग-अलग इलाके में वैक्सीन के प्रति जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन गांव वालों पर इसका कम ही असर दिख रहा है. 

दरअसल, यहां ब्यावरा क्षेत्र के मोई और खानपुरा गांव में इस तरह की भ्रांति फैली हुई है कि वैक्सीन लगने के बाद लोगों को बुखार हो हा है, या किसी की मौत हो जा रही है. ऐसे में लोगों ने वैक्सीन से दूरी बना ली है. ग्रामीण महिला का कहना है कि उनके समाज में वैक्सीन लगवाने के बाद एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी, तभी से लोग वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं. 

आपको बता दें कि ये सिर्फ किन्हीं दो राज्यों या दो जगहों का हाल नहीं है, बल्कि देश के कई ऐसे हिस्से हैं जहां पर वैक्सीन या अन्य गाइडलाइन्स को लेकर भ्रम फैला हुआ है. गांव में लोग स्वास्थ्यकर्मियों को आने नहीं दे रहे हैं, खुद टीका नहीं लगवा रहे हैं और टेस्टिंग से भी बच रहे हैं. 

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